मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ-निदा फ़ाज़ली
मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ दुनिया के कारोबार में हूँ भी नहीं भी हूँ. तेरी ही
Read moreमैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ दुनिया के कारोबार में हूँ भी नहीं भी हूँ. तेरी ही
Read moreबात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए अजनबी शहर है ये, दोस्त बनाए रहिए दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न
Read moreतुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते मुहब्बतों के दिनों की
Read moreआज की रात बहुत गर्म हवा चलती है आज की रात न फुटपाथ पे नींद आयेगी । सब उठो,
Read moreमैं जब भी ज़िंदगी की चिलचिलाती धूप में तप कर मैं जब भी दूसरों के और अपने झूट से थक
Read moreऔर फिर कृष्ण ने अर्जुन से कहा न कोई भाई न बेटा न भतीजा न गुरु एक ही शक्ल उभरती
Read moreशोर परिंदों ने यु ही न मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के कांटने वालो
Read moreबहुत पुरानी बात है । एक नदी के किनारे रहने वाले कछुए और केकड़े की दोस्ती हो गयी। दोनों घंटो-घंटो
Read moreरात भर सर्द हवा चलती रही रात भर हमने अलाव तापा मैंने माज़ी से कई ख़ुश्क सी शाख़ें काटीं तुमने
Read moreअब अपनी रूह के छालों का कुछ हिसाब करूँ मैं चाहता था चराग़ों को आफ़्ताब करूँ मुझे बुतों से इजाज़त
Read moreसौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद* है दिल पे रख के हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है कोठियों से
Read moreलोग हर मोड़ पर रुक – रुक के संभलते क्यों है इतना डरते है तो फिर घर से निकलते क्यों
Read moreराम बन-बास से जब लौट के घर में आए याद जंगल बहुत आया जो नगर में आए रक़्स-ए-दीवानगी आँगन में
Read moreवर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन
Read moreइस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है एक
Read moreआँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई आ रही
Read moreआइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको जिस गली में भुखमरी की
Read moreसमकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य रचनाओ के लिये विख्यात एवं उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठित लेखक श्रीलाल शुक्ल ने 130
Read moreहिंदी भाषी लेखक, नाटककार व कलाकार भीष्म साहनी को भारत विभाजन पर आधारित उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘तमस’ के चलते विश्वभर
Read moreसआदत हसन मंटो जिन्होंने अपनी कहानियों से समाज के सामने नंगा सच प्रस्तुत किया। उनकी कहानियों तात्कालिक समाज से आगे
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