रमणीक स्थलों से भरा है कोलकाता
कोलकाता
कोलकाता भी अपनी रमणीक स्थलों के लिए मशहूर है। हर साल हजारों देशी-विदेशी कोलकाता आते हैं। वैसे तो बहुत से निकटवर्ती इलाके ऐसे हैं जो सड़क मार्ग से जुड़ी हैं लेकिन यहां चौरंगी रोड स्थित बस टर्मिनल से सिलिगुड़ी के लिए रॉकेट बस सेवा है। इसके अलावा फुन्तशोलिंग व ढाका के लिए भी बसों की सुविधा है।
शांतिनिकेतन कोलकाता से 144 किमी की दूरी पर स्थित है। कला और संस्कृति का यह केन्द्र जिसकी शुरूआत गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। यहां पर्यटक युनिवर्सिटी कांप्लेक्स व गुरुदेव के निवास स्थान को देखने आते हैं।
सुंदरम यह राष्ट्रीय अभ्यारण्य कोलाकता से 131 किमी की दूरी पर स्थित है। हालांकि कालेकाता से सुंदरवन के लिए कई साधन हैं, पर सबसे ज्यादा सुविधाजनक है, क्रूज द्वारा वजहां जाना, जो राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती हैं।
दिघा- यह पश्चिम बंगाल का लोकप्रिय सी-रिसार्ट है। कोलकाता से दिघा पहुंचने में बस से चार से पांच घंटे का समय लगता है। यहां ठहरने के लिए सरकारी लॉज और दूसरे प्राइवेट होटल मौजूद हैं। दिघा सी फूड के लिए मशहूर है और अगर आपको थोड़े बहुत समुद्री तट पसंद हैं, तो आप शंकरपुर जा सकते हैं, जो दिघा से सिर्फ 10 किमी की दूरी पर है।
सिलिगुड़ी सिलिगुड़ी की प्राकृतिक खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। घने व हरे भरे जंगल, वन्य प्राणी, चाय के बागान, इन सबके बीच आप खो से जाएंगे। वैसे तो इसे दूसरे पहाड़ी इलाकों तक पहुंचने का साधन माना जाता था, पर सिलिगुड़ी खुद में भी खूबसूरती समेटे हुए है। यहां के दो हाइवेज मशहूर हैं, सिलिगुड़ी-करसेआंग और सिलिगुड़ी कलिंमपोंग। सिलिगुड़ी करसेआंग का ड्राइववे 50 किमी लंबा है जिसके लिए आप दार्जिलिंग का नेशनल हाइवे का रास्ता चुन सकते हैं या फिर सुकना और पंखाबारी का खूबसूरत रास्ता। सिलिगुड़ी-कलिंमपोंग का ड्राइववे 70 किमी लंबा है, पर यह थोड़ा दुष्कर है। इसके लिए आप सेवोक रोड से, तीस्ता नदी पर स्थित कारोनेशन ब्रिज से जा सकते हैं।
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