- दिल्ली सरकार ई-ऑटो का पंजीयन जल्द शुरू करेगी
- दो पहिया और तीन पहिया वाहन दिल्ली में दो तिहाई प्रदूषण के लिए जिम्मेदार
- कबाड़ के लिए 7,500 रूपये तक की प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध
नई दिल्ली, 14 फरवरी (एजेंसी)। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ई-ऑटो के पंजीयन की जल्द शुरुआत कर सकती है तथा सीएनजी चालित ऑटो के मुकाबले इनके जरिए 29,000 रुपये तक बचत की जा सकेगी। अपने ‘स्विच दिल्ली’ अभियान के तहत दिल्ली सरकार का ध्यान ई-ऑटो, ई-रिक्शा और ई-कार्ट जैसे तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर होगा। गहलोत ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार बीते कुछ वर्षों से 30,000 रुपये की सब्सिडी देकर ई-रिक्शा को बढ़ावा दे रही है। ईवी नीति के बाद ई-कार्ट और ई-ऑटो के लिए भी इतनी ही सब्सिडी दी जाने लगी है। कबाड़ के लिए 7,500 रूपये तक की प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध है।’’ दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत खरीद तथा स्क्रैप संबंधी पहल के लिए 177 प्रकार के तीन पहिया वाहन उपलब्ध हैं। स्विच दिल्ली अभियान आठ हफ्ते तक चलने वाला अभियान है, जिसके तहत दिल्ली वासियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लाभों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
गहलोत ने बताया, ‘‘दो पहिया और तीन पहिया वाहन दिल्ली में दो तिहाई प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। तीन पहिया वाहन यहां की सड़कों पर प्रतिदिन 12-16 घंटे चलते हैं। वाहनों के इस वर्ग पर दिल्ली की ईवी नीति का ध्यान है ताकि इनके स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाया जा सके और इससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता में खासा सुधार होगा।’’ उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा की अधिकतम गति 25 किमी प्रतिघंटे से अधिक नहीं है लेकिन ई-ऑटो की तुलना सीएनजी ऑटो से की जा सकती है और इनकी अधिकतम गति 50-60 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। गहलोत ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ईवी नीति के तहत जो सब्सिडी दे रही है, उससे इलेक्ट्रिक ऑटो की कुल कीमत 26 फीसदी तक कम पड़ेगी। इलेक्ट्रिक ऑटो को अपनाकर कोई भी व्यक्ति सालाना करीब 29,000 रूपये तक की बचत कर सकता है।