- कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे : टिकैत
- अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं : टिकैत
- जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है : टिकैत
नयी दिल्ली 04 फरवरी (एजेंसी) सूत्रों के अनुसार कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में महापंचायत की, जिसमे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे, अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा।
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टिकैत ने आगे कहा कि अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है, लेकिन किसान डरेगा नहीं। किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।
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सूत्रों की माने तो केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं 576 DTC बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया है। ये बसें किसान आंदोलन में सुरक्षाबलों की आवाजाही में लगी हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने DTC को ये निर्देश भी दिए हैं कि बिना सरकार की इजाजत के दिल्ली पुलिस को बसें नहीं दें। किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले 24 घंटे में कई विदेशी हस्तियां सामने आईं। क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे भारत में किसानों के आंदोलन के साथ हैं। वहीं पॉप सिंगर रिहाना ने लिखा कि आखिर हम किसान आंदोलन के बारे में चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं।