- मूल रूप से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी संबंधी समझौता है
- ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ द्वारा ‘‘अफगान शांति प्रक्रिया: प्रगति या संकट?’’विषय पर समारोह
- ट्रंप प्रशासन ने दोहा में पिछले साल फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया था
वाशिंगटन, 06 फरवरी (एजेंसी)। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने कहा है कि अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते का शांति से कोई संबंध नहीं है और यह मूल रूप से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी संबंधी समझौता है।
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थिंक टैंक ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ द्वारा ‘‘अफगान शांति प्रक्रिया: प्रगति या संकट?’’ विषय पर ऑनलाइन आयोजित समारोह में हक्कानी ने कहा, ‘‘ मैं अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते का लंबे समय से आलोचक हूं। मेरा मानना है कि इस समझौते का शांति से कोई लेना देना नहीं है और यह सुरक्षा बलों की वापसी का समझौता है। तालिबान से केवल एक चीज की प्रतिबद्धता व्यक्त करने को कहा गया कि वे अंत: अफगान वार्ता करेंगे ना कि वे शांति के लिए सहमत होंगे।’’
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ट्रंप प्रशासन ने दोहा में पिछले साल फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया था। समझौते में आतंकवादी समूह की ओर से सुरक्षा की गारंटी के बदले अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी की योजना बनाई गई थी। हक्कानी ने कहा कि तालिबान की शांति की परिभाषा अमेरिका की परिभाषा से बहुत अलग है। हडसन इंस्टीट्यूट में दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों के निदेशक हक्कानी ने कहा, ‘‘तालिबान का मानना था कि जब उसके इस्लामी अमीरात की स्थापना हो जाएगी, तभी शांति स्थापित होगी।