गोल्ड लोन (Gold Loan) देने वाली कंपनियों को लेकर आरबीआई (RBI) की ढुलमुल नीति समझ से परे है। इन कंपनियों की विकास दर देखकर आप चौंक जाएंगे। मूथूत फाइनेंस (Muthoot Finance) और मनप्पुरम गोल्ड (Manappuram gold ) जैसी कंपनियों के दफ्तर गली गली में खुल गए हैं।
ये कंपनियां किस आधार पर सोने (Gold) की गुणवत्ता का आकलन करती हैं, किसी को पता नहीं। बस आकलन कर देती हैं और उसके आधार पर लोन सैंक्शन (Loan section) हो जाता है। कई मामले में सोने की कीमत (Gold cost) का नब्बे फीसदी तक बतौर लोन (Loan) मिल जाता है। इनका सेलिंग प्वाइंट है झटपट लोन (Fast Approval Loan)। साथ ही ये कंपनियां आपके आभूषण (jewllery) को उसी रूप में सुरक्षित रखती हैं जिस रूप में आप उन्हें देते हैं। पर इनका ऑपरेशन उतना साफ सुथरा नहीं है जितना कि दिखता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि गोल्ड कंपनियों (Gold Loan Comapnies) के पास आपको कर्ज देने के लिए पैसे कहां से आते हैं? यह कंपनी आपको लोन (Loan) देने के बाद उस गोल्ड का क्या करती है? क्या गोल्ड लोन कंपनियों की ब्याज दर पर किसी का नियंत्रण है? क्या गोल्ड लोन (Gold Loan) सिस्टम का बेजा इस्तेमाल हो रहा है?
मनप्पुरम फायनेंस (Manappuram Finance) पर आरबीआई (RBI) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से यह जाहिर हो गया है कि यह कंपनी गलत तरीके से आम लोगों से डिपोजिट (Deposit) ले रही थीं। कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट (Fixed deposit) पर बैंक (Bank) से अधिक ब्याज (Interest) ऑफर कर रही थी इसलिए आम लोग यहां एफडी (Fixed Deposit) करवा भी रहे थे।
ग्राहकों से बतौर डिपोजिट लिए गए इसी राशि को कंपनी गोल्ड लोन (Gold Loan) देने के लिए इस्तेमाल कर रही थी। सीधा सा गणित है कि १० फीसदी पर डिपोजिट लो और १५ से २८ फीसदी की दर पर गोल्ड लोन (Gold Loan) दो। कुछ कंपनियां अपने गोल्ड रिजर्व के आधार पर बैंक से सस्ती दर पर लोन ले लेती हैं और ऊंची दर पर ग्राहकों को देती हैं। आरबीआई (RBI) को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि गोल्ड लोन कंपनियां किस दर पर लोन दे रही हैं, कितने लोग लोन चुका पा रहे हैं, कितने लोगों का सोना (Gold) जब्त हो जा रहा है, कितने लोगों को उनका सोना (Gold) वापस मिल पा रहा है।
यदि ये कंपनियां डिपोजिट (Deposit) ले रही हैं तो इनके यहां पैसे डिपोजिट कराने वाले कौन लोग हैं और उनके पास पैसे कहां से आ रहे हैं। कई मामले में चोरी का सोना (Gold) गिरवी रख कर लोगों ने लोन ले लिया है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें ब्लैक मनी (Black Money) का सोना में निवेश करके उसे गिरवी रखकर लोन ले लिया गया। सोना (Gold) किसी देश का वैलुएबल एसेट है। भले ही यह लोगों के घरों में बिखरा पड़ा हो, पर इसकी अपनी एक अहमियत है। यह सोना कुछ चुनिंदा निजी कंपनियों के पास जिस तरह से इकट्ठा हो रहा है वह देश की आर्थिक सेहत के लिहाज से ठीक नहीं कहा जा सकता है।
क्यों नहीं भारत की बैंकिंग कंपनियां गोल्ड लोन (Gold Loan) कंपनियों की तरह गोल्ड गिरवी लेकर झटपट लोन (Loan) की व्यवस्था करती हैं। इससे न केवल बैंकों (Banks) को फायदा होगा बल्कि आम लोगों को अपेक्षाकृत सस्ती दर पर लोन मिल सकेगा और देश की विरासत भी सुरक्षित हाथों में रहेगी। पर जिस देश में बच्चे के नाम पर किए गए निवेश (Investment) का ढंग से प्रबंधन नहीं किया जा रहा हो, वहां गोल्ड लोन (Gold Loan) सिस्टम के बेहतर प्रबंधन की बात सोचना ही बेमानी होगी।