- औद्योगिक उत्पादन के सुधर रहे हालात देश के इकोनॉमी के समूचे क्षेत्र को बताता है
- देश के उद्योग जगत भी अब भविष्य को लेकर ज्यादा सकारात्मक हो रहा
- जुलाई से सितंबर के बीच ही है देश की 600 कंपनियों के बीच किया गया
मुंबई। जीएसटी संग्रह में वृद्धि, औद्योगिक उत्पादन के सुधर रहे हालात देश के इकोनॉमी के समूचे क्षेत्र को बताता है। आर्थिक थिंक-टैंक एनसीएईआर की सोमवार को जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि देश के उद्योग जगत भी अब भविष्य को लेकर ज्यादा सकारात्मक हो रहा है। हालांकि, अब भी उद्योग जगत का एक बड़ा वर्ग है जो संशय में है।
यह रिपोर्ट जुलाई से सितंबर के बीच ही है देश की 600 कंपनियों के बीच किया गया है जिसके मुताबिक बिजनेस कंफिडेंस सूचकांक का स्तर 65.5 है यह सूचकांक अप्रैल से जून, 2020 में दर्ज 46.4 के स्तर से 41 फीसद ज्यादा है। वैसे सूचकांक का स्तर पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से अभी काफी नीचे है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगले छह महीने में इकोनॉमी में सुधार होने के प्रति भरोसा व्यक्त करने वाले 29.8 फीसद उद्यमी हैं जबकि इसके पहले की रिपोर्ट में सिर्फ 17.1 फीसद उद्यमियों को यह भरोसा था।
छह महीने में कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, यह मानने वालों का अनुपात भी 19.8 फीसद से बढ़ कर 27.8 फीसद हो गया है। इस सर्वे में क्षेत्र वार भी कंपनियों से अलग अलग पूछा जाता है जिसके आधार पर एनसीएईआर का कहना है कि पूर्वी क्षेत्र की कंपनियों में भरोसा पूरे देश में सबसे कम है।