- बीएमसी के नोटिस को चुनौती देते हुए सोनू सूद ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी
- अभिनेता सोनू सूद पर 6 मंजिला इमारत को होटल में बदलने के आरोप लगे थे
- बीएमसी ने कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा था कि याचिकाकर्ता सोनू आदतन अपराधी हैं
मुंबई, 21 जनवरी (एजेंसी)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोनू सूद को बड़ा झटका देते हुए अवैध निर्माण मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी है। बीएमसी के नोटिस को चुनौती देते हुए सोनू सूद ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका खारिज होने के बाद अब बीएमसी अपने नोटिस के हिसाब से तोड़क कार्रवाई कर सकती हैं। अभिनेता सोनू सूद पर 6 मंजिला इमारत को होटल में बदलने के आरोप लगे थे। इस मामले में बीएमसी ने सोनू सूद के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
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बीएमसी ने कोर्ट में दायर किए गए अपने हलफनामे में कहा था कि याचिकाकर्ता सोनू सूद आदतन अपराधी हैं। वह अनधिकृत तरीके से पैसा कमाना चाहते हैं। उन्होंने लाइसेंस विभाग से इजाजत लिए बिना ध्वस्त किए गए इमारत के हिस्से का फिर से अवैध निर्माण कराया, जिसका होटल के तौर पर इस्तेमाल हो सके।
11 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक सोनू सूद को अंतरिम राहत दी थी और उनकी प्रॉपर्टी पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। बीएमसी ने अपने नोटिस में सोनू सूद पर आरोप लगाया था कि अभिनेता ने शक्ति सागर रिहायशी इमारत, जो कि छह मंजिला है, उसमें ढांचागत बदलाव करके उसे कमर्शियल होटल बना दिया है।
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इस मामले में सोनू सूद ने अपनी सफाई भी पेश की थी। सोनू सूद ने यह स्पष्ट किया था कि उन्होंने बदलाव को लेकर बीएमसी से इजाजत ली थी। वह केवल महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे थे। खुद पर लगे आरोपों पर सोनू सूद ने कहा था कि उन्होंने जुहू स्थित अपने आवासीय इमारत को लेकर कोई भी अनियमितता नहीं बरती थी। मैंने हमेशा से कानून का पालन किया। महामारी के समय में इस इमारत को कोरोना वॉरियर्स के रहने की जगह के रूप में इस्तेमाल किया गया था।