Uttarpradesh, 04 (अक्टूबर)। कुछ वर्षो में महिला सशक्तीकरण का विषय राजनीति और समाज की सतह पर प्रमुखता से विचरता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह विशेष अर्थ रखता है।चाहे तीन तलाक का मामला हो या लव जिहाद का, मुख्यमंत्री बनने से पहले भी योगी आदित्यनाथ इन विषयों के प्रति मुखर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की सरकार पर राजनीतिक हमले के प्रमुख हथियारों में महिला सुरक्षा का विषय प्रमुख रहा है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद कानून-व्यवस्था का मसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एजेंडे में जहां सबसे ऊपर रहा, वहीं महिला सुरक्षा इसका पैमाना बन गई। इस दिशा में गत वर्ष शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस को बलरामपुर जिले में स्थित शक्ति पीठ से ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत मील का पत्थर माना जाता है। अब इसमें एक नया अध्याय जुड़ गया है।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत स्वावलंबन के नए अध्याय की शुरुआत की। बुधवार को मिशन शक्ति के तीसरे चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने ‘निर्भया : एक पहल’ अभियान का शुभारंभ किया। इस शुरुआत के कई अर्थ और संदर्भ हैं। इसके अंतर्गत महिलाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। अब इस प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए सरकार तीन माह के अंदर ऋण भी दिलाएगी।
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लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक-एक हजार महिलाओं को उद्यमी बनाने में सरकार की ओर से सहयोग उपलब्ध कराया जाए। इसमें मुख्य भूमिका सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग कौ सौंपी गई है। संबंधित वेबसाइट का भी लोकार्पण किया गया। 75 हजार महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण किट दी गई है। प्रशिक्षण में प्रतिभागी महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी देने के साथ इनका लाभ उठाने के तौर तरीके बताए गए। सरकार महिलाओं को उद्यम लगाने के लिए पूंजी की व्यवस्था इन्हीं योजनाओं के माध्यम से कराएगी।