Dhanteras 2020: If you cannot buy gold, buy turmeric only on Dhanteras
नई दिल्ली। 12 नवंबर, (एजेंसी)। धनतेरस का हमारे जीवन में बहुत महात्मय है। यह कहना है धर्माचार्य पंडित अशोक कुमार दीक्षित का। वे कहते हैं कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में जाना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन से जो 14 रत्न प्राप्त हुए, वे हैं श्री रंभा, विष, वारुणी, अमिय शंख, गजराज, धनवंतरी, धेनु, तरू, चंद्रमा, मणि। श्री धनवंतरी वैद्य जी का इसी त्रयोदशी को प्राकट्य हुआ था अतः इस पर्व को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व है । स्वर्ण के अभाव में पीतल की वस्तु को भी खरीदा जा सकता है अगर कुछ ना हो सके तो इस दिन हल्दी की पांच गांठ अवश्य ही खरीद कर घर पर रख लें। पढ़िए काली हल्दी के ये उपाय बदल देंगे आपका जीवन।
श्री दीक्षित कहते हैं कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी से शुक्ला द्वितीया तक यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपक जलाना चाहिए इससे अकाल मृत्यु नहीं होती इस चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं ।
उस दिन तिल का तेल अपामार्ग तथा दूर्वा आदि लगाकर स्नान करना चाहिए स्नान के पश्चात दक्षिण की ओर मुख करके अपशब्य होकर जल में तिल मिला्वे और तीन अंजुली से यमाय, धर्मराजाय, मृत्यवेय अंतकाय, कालाय, सर्वभूतायए औदुम्वरायए दध्रायए परमेषिष्ट ने वृकोदर राय, चित्राय, चित्रगुप्ता, ‘इन मंत्रों द्वारा यमराज का तर्पण करें फिर सायंकाल ब्रह्मा विष्णु शिव दुर्गा के मंदिरों अथवा वृक्ष सभा गौशाला नदी बगीचा तालाब कुआं बावड़ी गली खेत चौरस्ता शमशान आदि पर दीपक जलावे रात्रि को श्री लक्ष्मी जी का पूजन करें ।
यदि कोई शस्त्र से मारा गया हो तो चतुर्दशी को निमित्त भी दीप दान करें इससे अक्षय फल प्राप्त होता है, फिर कन्या ब्रह्मचारी तथा तपस्वीओं को भोजन करावे इससे यमपुरी को ना जाकर शिवलोक की प्राप्ति होती है।