मंत्र क्या है ? । What is Mantra in Hindi: अक्सर देखा गया है कि इन्सान वैदिक मन्त्रों को मात्र शब्दों का समूह समझ कर जल्दबाजी में कुछ भी उच्चारण कर देते है । मगर उन लोगों को इस बात को समझना चाहिए कि इन मन्त्रों की तरंगों में बहुत ताकत होती है। ऋषि-मुनियों की कई सदियों की ध्यान साधना का परिणाम है हमारे वैदिक मन्त्र । इन मन्त्रों की उत्पत्ति अंतर्ज्ञान (Intuition ) के स्तर से हुयी है, जो कि एक शुद्ध चेतना ।
‘मननत त्रायते इति मन्त्रः’
मंत्रो का मनन करने पर जब आप इस पर मनन करते हैं, तो आपकी ऊर्जा बढ़ती है। ऐसा कहा गया है-मन्त्रों के अर्थ ज़रूर होते हैं, लेकिन इनका अर्थ केवल हिमशिला के कोने जैसा है। अर्थ इतना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, जितना इन मन्त्रों की तरंगों को महसूस करना है।
मंत्रो के लाभ ? । Benefits of mantras
जैसा कि प्रकृति का नियम है कि यहाँ मौजूद हर वस्तु किसी अन्य वस्तु को अपनी और आकर्षित करती है, ऐसे में मंत्रोचारण या हवन के दौरान वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा वातावरण में सकारात्मक तरंगों का प्रसार होता है | इन तरंगों को सुनने पर मन को शांति प्राप्ति होती है ।
अर्थात मन का दुःख जो हरे उसे मंत्र कहते हैं। मंत्राक्षरों, नाद, बिंदुओं में दैवीय शक्ति छुपी रहती है | मंत्रों में देवी-देवताओं के नाम भी संकेत मात्र से दर्शाए जाते हैं, जैसे राम के लिए ‘रां’, हनुमानजी के लिए ‘हं‘, गणेशजी के लिए ‘गं’, दुर्गाजी के लिए ‘दुं’ का प्रयोग किया जाता है। मानव शरीर में 108 जैविकीय केंद्र होते हैं जिसके कारण मस्तिष्क से 108 तरंग दैर्ध्य उत्सर्जित करता है। आपको भी बता दे कि मंत्रों का प्रभाव वनस्पतियों पर भी पड़ता है।