Rahu in First House in Hindi : वैदिक ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों में राहु को विशेष स्थान प्राप्त है। ज्योतिष शास्त्र में वैसे तो राहु को एक क्रूर ग्रह की संज्ञा दी गई है, पर माना जाता है कि जिस भी जातक पर राहु की कृपा हो जाए वो उसे रंक से राजा बना सकते हैं। आइए खुलासा डॉट इन में जानते हैं कुंडली के प्रथम भाव में राहु के फल।
कुंडली का पहला भाव जिसे लग्न भी कहा जाता है यहां पर राहु विराजमान होने पर जातक को मिले जुले परिणामों की प्राप्ति होती है। ऐसे जातक जिनके लग्न में राहु हो वो परोपकारी और धैयर्वान होते हैं। कुंडली के पहले भाव में स्थित राहु जातक के कद को ऊंचा बनाता है। ऐसा व्यक्ति कभी रोगी तो कभी निरोगी बना रहता है।
माना जाता है कि जिन भी जातकों की कुंडली के प्रथम भाव में राहु देव विराजमान होते हैं ऐसे जातकों को अपने जीवनकाल में धन की कमी नहीं होती। उन्हें किसी न किसी प्रकार से धन की प्राप्ति होती रहती है। ऐसे लोग समय समय पर दुसरों के धन का प्रयोग अपने लिए करते हैं और उसी धन से अन्य लोगों को भी लाभ पहुंचाते हैं।
वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि लग्न में राहु होने पर व्यक्ति की वेशभूषा प्रभावशाली होती है। ऐसे जातक छोटे से स्तर से शुरुआत कर जीवन में बड़ी ऊंचाइयों को प्राप्त करते हैं और अपने जीवन काल में विभिन्न प्रकार के भोगों का उपभोग करते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने से बड़ों से विनम्रता पूर्वक व्यवहार करते हैं। पहले घर में स्थित राहु व्यक्ति को साहसिक बनाता है और ऐसा व्यक्ति लोगों से अपना काम निकलवाने में निपुण होता है। प्रथम भाव में स्थित राहु शिक्षा में तो कुछ व्यवधान उत्पन्न करता है लेकिन ऐसा व्यक्ति अपने जीवन काल में कई प्रकार का ज्ञान प्राप्त करता है। यहां स्थित राहु व्यक्ति को बुद्धिमान और व्यवहार कुशल बनाता है और व्यक्ति अपने वादे को पूरा करने में विश्वास रखता है।
प्रथम भाव में स्थित राहु के कुछ अशुभ परिणाम भी बताए जाते हैं जैसे लग्न में स्थित राहु व्यक्ति को अति साहसी या कहना चाहिए कि कई बार दुस्साहसी बनाता है। व्यक्ति में बेवजह शक करने की आदत होती है और वो कई बार गलत को सही और सही को गलत समझता रहता है। ऐसे व्यक्ति चाहते हैं कि लोग उनके दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करें जिससे कई बार इनके संबंध लोगों से अत्याधिक खराब भी हो सकते हैं। प्रथम भाव में स्थित राहु को वैवाहिक जीवन और साझेदारी के लिहाज से भी अच्छा नहीं माना जाता।
राहु का अन्य भावों में फल
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प्रथम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in First House)
द्वितीय भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Second House)
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तृ्तीय भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Third House)
चतुर्थ भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Fourth House)
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पंचम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Fifth House)
छ्टें भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Sixth House)
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सप्तम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Seventh House)
अष्टम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Eighth House)
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नवम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Ninth House)
दशम भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Tenth House)
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एकादश भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Eleventh House)
द्वादश भाव में स्थित राहु का फल (Rahu in Twelvth House)