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25 जुलाई को सावन महीने का सबसे पवित्र त्योहार नाग पंचमी
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कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है
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सभी तरह के नागों में नाग वासुकि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है
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नाग को कुल देवता, ग्राम देवता और क्षेत्रपाल भी कहते हैं
नई दिल्ली 24 जुलाई (एजेंसी) शनिवार यानी कि 25 जुलाई को सावन महीने का सबसे पवित्र त्योहार नाग पंचमी मनाया जायेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जिसके चलते नाग पंचमी पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ की जाती है। नाग पंचमी के पर्व पर भगवान शिव और नाग देवता दोनों की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं में नागों का महत्व काफी समय से है। कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है । ज्ञात हो कि ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु के कारण बनने वाले कालसर्प दोष को अशुभ माना जाता है। बता दे कि ऐसे लोग जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें इस विशेष दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा जरूर करनी चाहिए।
पुराणों में सभी तरह के नागों में नाग वासुकि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जिसका ज़िक्र गीता में भी मिलता है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि सर्पाणामस्मिवासुकि यानी सर्पों में मैं वासुकि हूं। शास्त्रों के अनुसारकुल 33 कोटि के देवी-देवता होते हैं जिनमें नाग भी शामिल है। नाग को कुल देवता, ग्राम देवता और क्षेत्रपाल भी कहा जाता हैं। जिस प्रकार से कुल देवता में देवी-देवताओं शामिल होते हैं उसी प्रकार अलग-अलग क्षेत्रों में इन्हें स्थान देवता माना जाता है।
देश का कई हिस्सों में नाग देवता के कई प्राचीन मंदिर है, जिनका संबंध नागों से है। नागालैंड को नागवंशियों का मुख्य स्थान माना गया है। इसके अलावा देश के कई जगहों का नाम नाग देवता पर रखा गया है। जिनमें नागपुर, उरगापुर, नागारखंड, नागवनी, अनंतनाग, शेषनाग, नागालैंड और भागसूनाग आदि शामिल है ।