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इस बार मणिमहेश की पवित्र झील में श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा पाऐंगे
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विधायक जिया लाल कपूर की अध्यक्षता में हुयी बैठक में लिया गया फैसला
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मणिमहेश के लिए श्रद्दालुओं की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध
धर्मशाला 16 जुलाई (एजेंसी) कोरोना वायरस का असर अब एक एक कर के सभी धार्मिक यात्राओं पर देखने को मिल रहा है । पुरी की जगन्नाथ यात्रा के बाद अब हिमाचल की मणिमहेश की यात्रा पर कोरोना संक्रमण के काले बादल मंडराने लगे है। इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहले भी कई जगह पर कई पर्व-त्यौहार को मात्र औपचारिक तौर पर मनाया गया है । चूँकि मणिमहेश की यात्रा पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है, ऐसे में सबके स्वास्थ्य की चिंता करते हुए इस बार मणिमहेश की पवित्र झील में श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा पाऐंगे।
सूत्रों के अनुसार भरमौर में विधायक जिया लाल कपूर की अध्यक्षता में हुयी बैठक में यात्रा के स्वरूप को लेकर चर्चा की गई, जिसमे एडीएम भरमौर पृथीपाल सिंह भी मौजूद थे। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार मणिमहेश के लिए श्रद्दालुओं की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, हालाँकि यात्रा का आगाज रस्मी तौर पर किया जाएगा और समापन भी इसी तरह होगा। कोरोना संक्रमण के कारण लाेगों की भीड़ एक स्थान पर जमा न हो, इसी को लेकर यह निर्णय लिया गया है।
बता दे कि भरमौर से 21 किलोमीटर दूर 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश झील प्रमुख तीर्थ स्थानों में एक है, जहाँ हर साल झील पर आयोजित होने वाले मेले में लाखाें तीर्थयात्री पहुंचकर झील के पवित्र जल में डुबकी लगाते है। मान्यता है कि माता पार्वती से विवाह करने के बाद भगवान शिव ने मणिमहेश की रचना की थी। वहीँ ये भी कहा जाता है कि मणिमहेश कैलाश पर भगवान शिव ने सदियों तक तपस्या की थी। बर्फ से ढके इस पहाड़ पर भोलेनाथ का वास होता था। वहीं बर्फ से ढकी चोटियों के बीच यह मनोरम झील बनी हुई है। इसी झील में स्नान करने के बाद पवित्र मणि के दर्शन भी होते हैं।