- सोशल मीडिया पर भी नॉन-वेज खाना खाने से कोरोना तेजी से फैल रहा जैसी अफवाह ने पैर पसार रखे है
- स्टॉप ईटिंग मीट और नो मीट नो कोरोनोवायरस जैसे हैशटैग ने खूब जोर पकड़ा हुआ है
- अकेले पोल्ट्री उद्योग को रोजाना 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है
- मांसाहारियों को कोरोनो वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराना बिलकुल गलत है
नई दिल्ली, 14 मार्च। दुनिया के साठ से अधिक देशों में दस्तक दे चुके कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे फैलने वाली बिमारी को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। भारत में भी कोरोनो वायरस के तीस से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में डर का माहौल बना हुआ है। वहीँ कल यानी कि 13 मार्च 2020 को उत्तराखंड के देहरादून में भी इस बीमारी से पहली मौत हो चुकी है ।
भारतीय सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए उचित कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। तो सोशल मीडिया पर भी नॉन-वेज खाना खाने से कोरोना तेजी से फैल रहा जैसी अफवाह ने पैर पसार रखे है ।जी हां, कई सोशल मीडिया साइट्स के अनुसार मीट खाने से कोरोना वायरस होता है, इस बात का जमकर प्रसार किया जा रहा है, जिसके तहत स्टॉप ईटिंग मीट और नो मीट नो कोरोनोवायरस जैसे हैशटैग ने खूब जोर पकड़ा हुआ है । जिसके बाद से इस वायरस का खौफ और बढ़ गया है, खासकर उन लोगों के बीच जो मांस खाते है । परन्तु सवाल है क्या सच में नॉनवेज खाने से कोरोना वायरस फैल रहा है ?
इस अख्वाह के फैलने के बाद से कि नॉनवेज खाने से कोरोना वायरस फैलता है, मानो पोल्ट्री, फिश और मीट कारोबार के चौपट होने लगा है । अनुमानित है कि इस अख्वाह के चलते अकेले पोल्ट्री उद्योग को रोजाना 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके अतिरिक्त चिकन, मीट और मत्स्य उद्योग की सप्लाई से जुड़े 10 करोड़ लोगों के रोजगार पर तलवार लटकी हुयी है |
मामला इतना बढ़ गया कि कुछ लोगों ने इस डर से चिकन या अंडा तक खाना बंद दिया है । पर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस सिर्फ इंसान की खांसी या छींक के दौरान हुए ड्रॉपलेट्स के द्वारा ही फैल सकता है। इसके बावजूद हर संभव सावधानी बरते है |
जिस दिन से इस वायरस का नाम सामने आया है तब से यह बात सुनने को मिल रही है कि कोरोना वायरस चीन के मीट मार्किट से फैला है जहाँ बड़ी तादाद में सी फूड, सांप और सूअर के मीट की बिक्री होती है। जिसके चलते इस अफवाह ने बड़ी तेज़ी से अपना भपका बनाया कि मीट के सेवन से कोरोना तेजी से फैल रहा है। जबकि डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार दोनों ने इस अफवाह पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लिए कोरोना वायरस से जुड़े कई प्रश्नों के बारे में सोशल मीडिया पर लोगों को जागरूक करने का काम किया है ।
आपको बता दे कि मांसाहारियों को कोरोनो वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराना बिलकुल गलत है और वैज्ञानिक तौर पर भी यह बात पूर्णतया असत्य है । डॉक्टर्स के अनुसार अपनी डाइट से मांस को निकालने की कोई जरूरत नहीं है हालाँकि कच्चे मांस के सेवन से निश्चित रूप से बचना चाहिए और
एहतियात के तौर पर मांस को अच्छे से पकाकर खाये । मुख्यता कोरोना वायरस सांस द्वारा फैलने वाला वायरस है अत: किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना ही इसका सबसे सरल उपाय है । अत: यदि आप मांसाहारी है तो मांस से परहेज करने के बजाय मांस अच्छी तरह पका कर खाए ।