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PUBG Game is taking away children’s childhood and career
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ऑनलाइन क्लास के नाम पर भटक रहे है बच्चे
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पब्जी का असर स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा
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पब्जी के कारण बच्चे मानसिक और एंजायटी बीमारी के हो रहे हैं शिकार
लोक डाउन के कारण स्कूल कॉलेज बंद हैं। इस वजह से बच्चों को ऑनलाइन क्लास दी जा रही है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे होम पेज पर जाकर पब्जी जैसे खतरनाक गेम खेल रहे हैं। इसकी वजह से मासूम बच्चे मानसिक रोगी होने के साथ-साथ कई खतरनाक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, खास बात यह है कि ऑनलाइन गेम्स के बारे में उनके अभिभावकों को जानकारी बहुत देरी से लग पाती है।
कोविड-19 को मात देने के लिए 23 मार्च से समूचे देश में लोग डाउन लगाया गया था।
इस वजह से स्कूल कॉलेज सभी बंद चल रहे हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए उन्हें अधिकांश स्कूल कॉलेजों की ओर से ऑनलाइन कलास दिए जाने की व्यवस्था की है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए बच्चों के ग्रुप बनाए गए हैं। मगर बच्चों ने ऑनलाइन शिक्षा के दौरान मनोरंजन का रास्ता खोज लिया है।
बच्चे होम पेज पर जाकर ग्रुप में पब्जी जैसे खतरनाक गेम खेल रहे हैं। इसकी वजह से न केवल बच्चों का कैरियर प्रभावित हो रहा है बल्कि वह मानसिक रोगी होने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
ऑनलाइन क्लास के नाम पर भटक रहे है बच्चे
विजय नगर में रहने वाला एक बच्चा कक्षा 9 में पड़ता है। स्कूल द्वारा ऑनलाइन क्लास शुरू की गई। इसी दौरान बच्चे ने अपने ग्रुप के बच्चों के साथ पब्जी गेम खेलना शुरू कर दिया। बच्चे ने घर से लाखों रुपए चुरा लिए और गेम खेलने के लिए महंगा मोबाइल फोन खरीदा। पब्जी गेम में अपनी रैंक बढ़ाने के लिए उसने रॉयल पास भी खरीद लिया। जब परिवार के लोगों को उसकी इस हरकत का पता चला तो अभिभावकों की टेंशन बढ़ गई। उन्होंने बच्चे का मोबाइल फोन भी छीन लिया और उसकी ऑनलाइन क्लास भी बंद हो गई।
पब्जी का असर स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा
इंदिरापुरम क्षेत्र में रहने वाला एक बच्चा कक्षा 11 का छात्र है। उसे भी ऑनलाइन क्लास दिए जाने के दौरान पब्जी गेम की आदत पड़ गई। बच्चा परिवार के लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई की बात कहकर गुमराह करता रहा और वह पब्जी खेल में व्यस्त रहा। 15 मई को अचानक बेहोश होगा। बच्चे को उपचार के लिए अभिभावक डॉक्टर के पास ले गए तो पता चला कि बच्चा पब्जी गेम के कारण रोगी हो गया है।
पब्जी के कारण बच्चे मानसिक और एंजायटी बीमारी के हो रहे हैं शिकार
डॉक्टर संजीव त्यागी ने बताया कि जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं वही बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के आड मैं पबजी जैसे गेम खेल रहे हैं। पब्जी खेलने से बच्चे अग्रेसिव और कई मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इससे बचाने के लिए अभिभावकों को बच्चों पर नजर रखनी होगी की उनका बच्चा अधिक समय तक मोबाइल फोन पर तो व्यस्त नहीं रहता है। अगर अधिक समय तक मोबाइल पर कोई बच्चा व्यस्त रहता है तो अभिभावकों को उसके बारे में पूरी जानकारी करनी होगी कि कहीं वह पब्जी तो नहीं खेलना है।