- डिटॉक्स वॉटर का सबसे जरूरी काम शरीर को डिटॉक्सिफाई करना होता
- टॉक्सिक चीज़ें हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होती हैं
- डिटॉक्सीफिकेशन के जरिए इन्हें बाहर करना जरूरी होता है
नई दिल्ली 02 जनवरी (एजेंसी) ज्ञात हो कि डिटॉक्स वॉटर का सबसे जरूरी काम शरीर को डिटॉक्सिफाई करना होता है, चूँकि टॉक्सिक चीज़ें हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होती हैं, जिनके कारण शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती हैं, ऐसे में समय-समय पर डिटॉक्सीफिकेशन के जरिए इन्हें बाहर करना जरूरी होता है।ऐसे में कुछ घरेलू ड्रिंक्स की मदद से आप खुद के शरीर को डिटॉक्स कर सकते है –
कुकुंबर, मिंट और नींबू से तैयार डिटॉक्स वॉटर – इसके सेवन से न सिर्फ आप ताजगी महसूस करते है बल्कि इंस्टेंट एनर्जी भी शरीर को मिलती है। इंफ्यूज्ड वॉटर को 12-16 घंटे तक स्टोर करके रख सकती हैं। पानी में पसंदीदा हर्ब्स, फल और सब्जियों को काटकर डालें। एक दिन में इस पानी को 500 मिलीलीटर ही पीएं। ज्यादा देर तक सब्जियों व फलों को पानी में डालकर न रखें क्योंकि इससे टेस्ट कड़वा होने लगता है।
गर्म पानी, हल्दी और पालक से बना डिटॉक्स वॉटर – ज्ञात हो कि हल्दी पूरे स्वास्थ्य को सुधारने के साथ साथ बीमारियों और संक्रमण से भी बचाती है, वहीँ पालक भी बेहतरीन डिटॉक्सीफाइंग एजेंट है, जो आपके सिस्टम को अच्छी तरह साफ़ करने का काम करता है। पालक को हल्दी के साथ पीस कर स्मूथी बनाएं। एक से दो कप को एक दिन में आराम से लिया जा सकता है, वहीं पालक के कुछ पत्तों को आप रोजाना किसी न किसी फॉर्म में जरूर लें। फिर चाहे वह सूप में हो या किसी सब्जी में। हल्दी में एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज़ होती हैं तो पालक इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। करक्यूमेन और विटामिन ए इसमें मौजूद होता है, जो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
आम और तुलसी के पत्तों का डिटॉक्स वॉटर – आम पाचन, चयापचय को मजबूत, रक्तचाप को नियंत्रित, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है। तुलसी के पत्ते एंटीआक्सीडेंट्स से भरे होते हैं और विषाक्त पदार्थों को दूर करने व कैंसर कोशिका प्रसार को रोकने में मदद करते हैं।