- महिलाओं और बच्चों सहित 80 लोगों को गुरुद्वारे से निकाला गया
- इस हमले में कम से कम 25 लोग मारे गए और आठ अन्य घायल
- भारत इस घड़ी में अफगानिस्तान में प्रभावित हिन्दू एवं सिख समुदाय के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को तत्पर
- आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने इस नवीनतम हमले की जिम्मेदारी ली
काबुल, 26 मार्च (एजेंसी)। काबुल, अफगानिस्तान के बीचोंबीच स्थित एक सिख गुरुद्वारे पर कुछ हमलावरों ने हमला बोल दिया। भारी हथियारों से लैस बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरो के इस हमले में अब तक कम से कम 25 जान जाने की खबर आयी है जबकि आठ घायल बताये जा रहे है। यहाँ के अधिकारियों के अनुसार बंदूकधारियों ने शोर बाजार इलाके स्थित गुरुद्वारे पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बज कर करीब 45 मिनट पर उस वक़्त हमला कर दिया जब गुरूद्वारे के भीतर करीबन 150 श्रद्धालु मौजूद थे। खबरों के अनुसार यहाँ के गृह मंत्रालय ने कहा कि काबुल स्थित सिख उपासना स्थल पर किये गए इस हमले में कम से कम 25 लोग मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए।
VIDEO: Family members of those killed in yesterday's attacks at Dharamshala, the Sikh place of worship in #Kabul, receive the bodies of victims. #Afghanistan pic.twitter.com/ztPtCn9qJH
— TOLOnews (@TOLOnews) March 26, 2020
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महिलाओं और बच्चों सहित 80 लोगों को गुरुद्वारे से निकाला गया
उसने सोशल मीडिया पर ट्वीट पर कहा कि काबुल के पीडी.. एक स्थित सिख उपासना क्षेत्र धर्मशाला’पर हमला करने वाले सभी चार आत्मघाती हमलावर लगभग छह घंटे चली मुठभेड़ के बाद मारे गए। अफगान विशेष बलों ने इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महिलाओं और बच्चों सहित 80 लोगों को गुरुद्वारे से निकाला गया। खबर में कहा गया है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सिख उपासना स्थल पर इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरूद्वारे पर आतंकी हमले पर गहरा दुख प्रकट करते हुए इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की ।
भारत इस घड़ी में अफगानिस्तान में प्रभावित हिन्दू एवं सिख समुदाय के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को तत्पर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद के दौरान कहा कि आज काबुल में गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले से मन काफी दुखी है। मैं इस हमले में मारे गए सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं । इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने काबुल में गुरूद्वारे पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत इस घड़ी में अफगानिस्तान में प्रभावित हिन्दू एवं सिख समुदाय के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को तत्पर है । विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के बीच अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक पूजास्थल पर ऐसा कायराना हमला, इन हमलावरों एवं उनका समर्थन करने वालों की शैतानी मानसिकता को दर्शाता है । मंत्रालय ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों एवं देश की सुरक्षा और इस हमले का जवाब देने के लिये अफगानिस्तान के बहादुर सुरक्षा बलों के पराक्रम, उनके साहस और समर्पण की सराहना करते हैं । बयान के अनुसार भारत, अफगानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा का वातावरण लाने के प्रयासों में वहां के लोगों, सरकार और सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है ।
आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने इस नवीनतम हमले की जिम्मेदारी ली
आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने इस नवीनतम हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएसआईएस ने अफगानिस्तान में इससे पहले भी सिखों को निशाना बनाया है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया समूह ने एक बयान जारी करके इसकी पुष्टि की कि उसके आतंकवादियों ने काबुल शहर में सिखों पर हमले को अंजाम दिया। विस्फोट स्थल की तस्वीरों में सुरक्षा बलों को घायल लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाते दिखाया गया। कुछ अफगान मीडिया इकाइयों ने कुछ वीडियो साझा किये जिसमें पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को शहर के एक अस्पताल के बाहर नम आंखों के साथ इंतजार करते दिखाया गया। काबुल में पुलिस ने कहा कि गुरुद्वारे से कम से कम 11 बच्चों को बचाया गया।
देश के मुख्य आतंकवादी समूह, तालिबान ने हमले में हाथ होने से इनकार किया
सिख जनप्रतिनिधि नरेंद्र सिंह खालसा ने संवाददाताओं से कहा कि जब यह हमला हुआ तक गुरुद्वारे के अंदर करीब 150 लोग थे। अफगानिस्तान में सिख समुदाय के एकमात्र जनप्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें गुरुद्वारे के अंदर से एक श्रद्धालु का फोन आया था जिसने उन्हें हमले की सूचना दी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियन ने कहा कि अफगान बलों ने काबुल के पीडी 1 में सिख उपासना क्षेत्र की पहली मंजिल को नियंत्रण में ले लिया है। कई लोगों को बचाया गया है, जो इमारत के अंदर फंसे थे। इससे पहले, देश के मुख्य आतंकवादी समूह, तालिबान ने हमले में हाथ होने से इनकार किया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी समूह का काबुल के शोर बाजार इलाके में हमले से कोई संबंध नहीं है। युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में वर्तमान में एक राजनीतिक गतिरोध है क्योंकि दो नेताओं अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के अपने अपने दावे किये हैं। अमेरिका इस राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रहा है जो वहां से अपने सैनिकों को निकालना चाहता है और तालिबान के साथ हुए हस्ताक्षरित ऐतिहासिक समझौते को बचाना चाहता है।
जुलाई 2018 में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने पूर्वी शहर जलालाबाद में सिख और हिंदुओं के समूह पर हमला किया था
यह हमला अमेरिका द्वारा यह कहने के बाद आया है कि वह नेताओं के बीच समझौते पर नहीं पहुंच पाने को लेकर निराशा के मद्देनजर देश को दी जाने वाली राशि में कटौती करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने राष्ट्रपति गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए मंगलवार को काबुल की यात्रा की। अब्दुल्ला भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बाद खुद के राष्ट्रपति होने की घोषणा करते हैं। अफगानिस्तान में सिख इससे पहले भी इस्लामी आतंकवादियों के हमलों का निशाना बन चुके हैं। जुलाई 2018 में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने पूर्वी शहर जलालाबाद में सिख और हिंदुओं के समूह पर हमला किया था जिसमें 19 लोग मारे गए थे और 20 अन्य घायल हो गए थे। हमले में मारे गए लोगों में अवतार सिंह खालसा भी शामिल थे जो अफगानिस्तान के सबसे प्रसिद्ध सिख राजनेताओं में से एक थे।