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दिल्ली पुलिस ने फैजल फारुख को बनाया आरोपी
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फैजल फारुख दंगों के दौरान मौलाना साद के संपर्क में था
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जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन 15 दिसंबर को ही किया गया था, जिसका मकसद दंगे की साजिश को अंजाम तक पहुंचाना था।
नई दिल्ली, 03 जून (एजेंसी)। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चर्चा में आए तब्लीगी मरकज के तार उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे से भी जुड़ रहे हैं। दरअसल, बुधवार को क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में जो दो आरोप पत्र दायर किए हैं। उसमें से एक में राजधानी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक फैजल फारूख को देवबंद से दंगाई बुलाकर स्कूल में ठहराने और पथराव, आगजनी आदि में आरोपित बनाया गया है। फारूख की मोबाइल कॉल डिटेल में यह बात भी सामने आई है कि दंगे के दौरान वह लगातार मरकज प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद से बात कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी के बाद साद को दंगे के दौरान फारूख से जुड़े सवालों के भी जवाब देने होंगे।
उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के मामले में बुधवार को भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो आरोप पत्र दायर किए हैं। इसमें एक मामला अंकित हत्याकांड का है, जिसमें मुख्य आरोपित आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को बनाया गया है। वहीं दूसरा मामला राजधानी स्कूल से जुड़ा है। इसमें सिर्फ ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख को आरोपित बनाया गया है। जांच में फारूख के संबंध मौलाना साद के अलावा पिंजरा तोड़ संगठन, जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी, जेएनयू, जामिया नगर के मुस्लिम नेताओं से भी मिले हैं। इसके अलवा अल्ट्रा लेफ्ट संगठन के लोग भी ताहिर और फारूख के संपर्क में थे। जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन 15 दिसंबर को ही किया गया था, जिसका मकसद दंगे की साजिश को अंजाम तक पहुंचाना था।
आरोप पत्र-एक
आइबी अफसर अंकित शर्मा हत्याकांड
आरोप पत्र के मुताबिक खजूरी खास इलाके में 25 फरवरी की शाम को ताहिर हुसैन के घर के सामने अंकित शर्मा की हत्या की गई। उनके शरीर पर गहरे जख्म के 51 निशान मिले थे। इस मामले में दयालपुर थाने में मामला दर्ज किया गया। हत्या के बाद शर्मा के शव को भीड़ ने पास के नाले में फेंक दिया था, जिसे अगले दिन सुबह नाले से निकाला गया। पुलिस को एक वीडियो मिला है, जिसमें शव को भीड़ नाले में फेंक रही है। इस मामले में ताहिर हुसैन सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि जांच में पता चला कि 24 और 25 फरवरी को न सिर्फ ताहिर दंगे का नेतृत्व कर रहा था, बल्कि उसके इशारे पर ही भीड़ ने अंकित को मौत के घाट उतारा। क्राइम ब्रांच ने अंकित की हत्या में प्रयुक्त दो चाकू व खून से सने कपड़े बरामद कर लिए हैं।
आरोप पत्र- दो
राजधानी स्कूल मामला
24 फरवरी को न्यू मुस्तफाबाद, शिव विहार स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल के बाहर हुए दंगे का मामला डीआरपी कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल के मालिक और प्रबंधक ने दयालपुर थाने में दर्ज कराया था। इसकी जांच में पता चला है कि दंगाइयों ने डीआरपी स्कूल पर कब्जा कर लिया था और राजधानी स्कूल की छत से गोलियां चलाने के साथ ही पेट्रोल बम भी फेंके गए। इसके अलावा एसिड, ईट, पत्थर फेंके गए। इसके लिए राजधानी स्कूल की छत पर विशेष तरह की एक बड़ी गुलेल बनाई गई थी। दंगाइयों ने राजधानी स्कूल से डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल परिसर में आने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल किया था। इस बीच दंगाइयों ने स्कूल व आसपास की दुकानों में लूटपाट व आगजनी को अंजाम दिया था। इस बीच यहां स्थित अनिल स्वीट्स वाली इमारत को भी जला दिया गया था। इसमें दुकान का कर्मचारी दिलबर नेगी जिंदा जल गया था।
इस मामले में राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच में फैसल के खिलाफ दंगे की साजिश में शामिल होने, आगजनी व भीड़ को उकसाने के सुबूत मिले हैं। वहीं कॉल डिटेल की जांच में फैसल के संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, पिजरा तोड़ समूह, जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी, हजरत निजामुद्दीन मरकज और देवबंद सहित कुछ अन्य मुस्लिम मौलवी और प्रमुख सदस्यों के साथ लगातार बातचीत की साजिश की गहराई को भी दर्शाता है।
फैसल फारूख ने दंगे से एक एक दिन पहले देवबंद का दौरा भी किया था। योजना के तहत ही दंगे वाले दिन मुसलिम परिवार स्कूल से अपने बच्चों को पहले ही ले गए थे। राजधानी स्कूल के प्रबंधक फैजल फारूख की एक हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जांच में सामने आई है। उसके पिता दिल्ली पुलिस में एसआइ थे, जो कि पूर्व में ही बर्खास्त कर दिए गए थे। जांच में पता चला है कि उसने पिछले एक साल में सबसे ज्यादा संपत्ति जुटाई है। फारूख के पास अचानक अकूत संपत्ति कहां से आई यह भी अपने आप में जांच का विषय है।