- अत्याधिक चाय, कॉफी और कोल्डड्रिंक का उपयोग भी आपकी वोकल कोर्ड को खराब कर सकता है।
- पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होती है वोकल नोड्यूल्स और पोलिप होने की संभावना।
- स्पीच थैरपी में बोलने के अभ्यास से भी होता है फायदा।
- माइक्रोलेरिंजियल सर्जरी से भी किया जा सकता है आवाज को मधुर।
नाम गुम जायेगा, चहेरा ये बदल जायेगा मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है गर याद रहे, गुलज़ार साहब की लिखी ये पंक्तियाँ पूर्ण सत्य है क्योंकि किसी भी व्यक्तित्व की पहचान आवाज ही होती है और अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए हम सभी चाहते है कि हमारी आवाज मीठी, मधुर और स्पष्ट हो। विशेषकर जब ऐसे प्रोफेशन में हो जहां आवाज की अहम भूमिका हो जैसे कि टीचर, एडवोकेट, सेल्सपर्सन, गायक आदि । किसी किसी व्यक्ति की आवाज़ में काफी भारीपन होता है जिसका कारण वोकल नोड्यूल्स और वोकल पोलिप हो सकते है । ये दोनों समस्याएं वोकल कॉर्ड में होने के कारण इन्सान की आवाज को खराब कर देते हैं परिणामस्वरूप इन्सान की आवाज़ में भारीपन आ जाता है । जानकार हैरानी होगी कि वोकल कॉर्ड नोड्यूल्स की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पायी जाती है ।
क्या होता है वोकल कोर्ड का काम
आपकी जानकरी के लिए बता दे कि मनुष्य के गले में स्थित स्वरयंत्र में दो तारनुमा वोकल कॉर्ड होते हैं, जिनके आपस में मिलने से आवाज पैदा होती है तथा इनके सही तरीके से कार्य करने पर आवाज की मधुरता बरक़रार रहती है। आप इसकी नाजुकता का अंदाज़ इस बात से लगा सकते है कि लगातार और तेज बोलने से इनमें सूजन तक आ सकती है, जिसके चलते वोकल नोड्यूल बन सकते है और आवाज़ खराब हो सकती है।
वोकल फोलिप से भी होता है आवाज में भारीपन
वोकल कोर्ड पर बनने वाले छोटे-छोटे दाने होते है जो इसके अगले और मध्य भाग के जुड़ाव बिंदु पर प्रायः दोनों तरफ से बनते हैं। किशोरों और महिलाओं में इसके होने की सम्भावना ज्यादा होती हैं। इसके अतिरिक्त वोकल पोलिप के कारण भी आवाज में भारीपन आने की सम्भावना बनती है । जिसके चलते आवाज में भारीपन के अलावा बोलने में दर्द, बोलते हुए आवाज में जल्दी थकान महसूस होना या बीच-बीच में आवाज का फटना, गले में चुभन और असहज लगना जैसी समस्या होना इसके लक्षण होते हैं।
आवाज में भारीपन से कैसे बचें
इस समस्या से बचने के लिए ज्यादा देर तक बात करने से बचना चाहिए व चिल्लाने से बचे । यदि आपका कार्य ऐसा है जिसमे ज्यादा बोलना पड़ता है तो बीच-बीच में थोडा थोडा पानी पीते रहें । इतना ही नहीं अनावश्यक गले को खांस-खांसकर साफ करने की यदि आपको आदत है तो इस आदत को तुरंत ही बदल ले । हमेशा संतुलित और संयमित खानपान ले क्योंकि पेट का एसिड रिफ्लेक्स भी गले में पहुंचकर वोकल कार्ड को हानि पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं चाय व काफी जैसे कैफीन युक्त पदार्थ तथा कोल्ड ड्रिंक आदि का अधिक सेवन भी इस समस्या का कारण बन सकते है । हालाँकि समस्या अधिक बढ़ जाने पर नोडयूल्स को माइक्रोलेरिंजियल सर्जरी से हटाया जाता है।