दिल्ली हाईकोर्ट ने नेटफ्लिक्स की फिल्म गुंजन सक्सेना की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से मना किया
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कथित तौर पर भारतीय वायु सेना से जुड़े गलत तथ्यों को दर्शाया गया
फिल्म में भारतीय वायुसेना को जेंडर बाइस्ड बताया है
नयी दिल्ली 2 सितम्बर (एजेंसी) केंद्र सरकार की याचिका का जवाब देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने नेटफ्लिक्स की फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा दर्ज याचिका में इस बात का ज़िक्र है कि इस फिल्म में कथित तौर पर भारतीय वायु सेना (IAF) से जुड़े गलत तथ्यों को दर्शाया गया है। याचिका में इस बात दावा किया गया है कि फिल्म में भारतीय वायुसेना को जेंडर बाइस्ड बताया है, जबकि यह सच नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट का कहना है कि फिल्म की स्ट्रीमिंग को रोकने के लिए अब स्टे ऑर्डर नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह पहले से ही रिलीज हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार जस्टिस राजीव शकधर की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र से पूछा कि ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म पर फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल की रिलीज से पहले उसने अदालत का रुख क्यों नहीं किया। हालाँकि इस मामले में कोर्ट ने फिल्म का प्रोडक्शन करने वाली धर्मा प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड से जवाब मांगते हुए कहा कि पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को भी केस फाइल करने के लिए एक पार्टी बनाया जाए और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए। बता दे कि इससे पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख रेखा शर्मा ने भी गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल के मेकर्स से फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करने को कहा था।
भारतीय वायु सेना ने भी गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल को लेकर सेंसर बोर्ड को एक पत्र दिया था, जिसमें कहा गया था कि करन जौहर ने प्रामाणिकता का वादा किया था जबकि फिल्म में दिखाए फैक्ट्स गलत हैं। करन ने आईएएफ की निगेटिव इमेज बनाई है। साथ ही यह भी कहा गया कि फिल्म वायुसेना में महिलाओं के खिलाफ गलत कार्यप्रणाली को दिखाती है। आईएएफ ने स्टोरी और डायलॉग्स पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने प्रोडक्शन हाउस से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने दृश्यों को नहीं हटाया।