माँ के कहे शे’र ने कभी जगदीप को हारने नहीं दिया
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माँ ने कहा था वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाये
जगदीप ने मां की सीख को हमेशा अपनी सफलता का मूलमंत्र माना
मुंबई, 10 जुलाई (एजेंसी)। बॉलीवुड के टॉप कॉमेडियन में शुमार जगदीप भले ही आज हमारे बीच में नहीं रहे । सूत्रों के अनुसार जगदीप ने मां की एक सीख को हमेशा अपनी सफलता का मूलमंत्र माना। शुरूआती दिनों में बेहद मुश्किलों का सामना करते हुए जगदीप ने कभी भी हार नहीं मानी और उन्होंने सभी मुश्किलों पर विजय पाते हुए खुद को फिल्म इंडस्ट्री में खुद की सशक्त पहचान बनायीं। एक इंटरव्यू के दौरान जगदीप ने अपनी मां के द्वारा कहे गए शे’र के बारे में बताते हुए कहा कि माँ के कहे उस शे’र ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया।
इंटरव्यू के दौरान जगदीप ने कहा था कि मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है। मेरी मां ने मुझे समझाया था। एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था। सब खंभे गिर गए थे। हमें अंधेरी से जाना था। उस तूफान में हम चले जा रहे थे। एक टीन का पतरा आकर गिरा और मेरी मां के पैर में चोट लगी। बहुत खून निकल रहा था। ये देख मैं रोने लगा, तो मेरी मां ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़ी और उसे बांध दिया।
उन्होंने आगे कहा कि तूफान चल रहा था, तो मैंने कहा कि यहीं रुक जाते हैं, ऐसे में कहां जाएंगे, तो उन्होंने एक शेर पढ़ा था। मां ने कहा था, वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाये। पूरी जिंदगी मुझे ये ही शेर समझ में आता रहा कि वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए तो अपने एक-एक कदम को एक मंजिल समझ लेना चाहिए। छलांग नहीं लगानी चाहिए, गिर जाओगे।