चिंटू उर्फ़ ऋषि कपूर भले ही आज हमारे बीच न रहे हो परन्तु अपनी फिल्मों के माध्यम से वो हमेशा हमारे साथ रहेंगे । बॉलीवुड में लवर बॉय की इमेज रखने वाले ऋषि कपूर की फिल्मों का गीत-संगीत हमेशा से प्रेमियों के लिए ख़ास रहा है, तो उनकी फ़िल्में आपको अपनी प्रेम कहानी सी लगने लगती थी । श्री 420 के गीत प्यार हुआ इकरार हुआ जैसे सुपरहिट गीत में एक छोटी भूमिका से लेकर 2019 में आयी द बॉडी तक उन्होंने तक़रीबन 150 के आस पास फ़िल्में की है, जिनमे से हम उनकी वो फ़िल्में बताने जा रहे है मस्ट वाच मूवी है –
क़र्ज़ (1980)
27 जून 1980 को सुभाष घई की फिल्म क़र्ज़ रिलीज हुयी । ऋषि कपूर की मुख्य भूमिका वाली ये फिल्म कई मायनों से महत्वपूर्ण फिल्म है । कालीचरण और विश्वनाथ जैसी क्लासिक फिल्म बना चुके सुभाष घई को एक ऐसी फिल्म की तलाश थी जो उन्हें बॉलीवुड में स्थापित कर दे वहीँ ऋषि कपूर लगातार लवर बॉय की इमेज से इतर कुछ अलग चाहते थे । फिल्म क़र्ज़ के रिलीज होने के बाद मानो दोनों की इच्छा पूरी हो गयी । क़र्ज़ ने सफलता का एक नया इतिहास लिखा, 1980 की टॉप टेन फिल्मों में शामिल हुयी । इस फिल्म के गीत आज भी युवा दिलों की पहचान है । फिल्म में ऋषि कपूर का नाम मोंटी होता है जिसे अपने पिछले जन्म की सभी बातें याद आ जाती है यहाँ तक की अपने कातिल की भी और मोंटी निकल जाता है अपने कत्ल का बदला लेने के लिए । यह फिल्म अमेरिकन फिल्म The Reincarnation of Peter Proud से प्रेरित थी ।
रफ्फू चक्कर (1975)
1975 में नरेंद्र बेदी ऐसी फिल्म लेकर आये जिसमे हीरो आधे ज्यादा फिल्म में लड़की के गेटअप में दिखायी देते है । अमेरिकन फिल्म Some Like It Hot का जब हिंदी रुपान्तरण किया गया तो ऋषि कपूर ने इस किरदार को जीवंत कर दिया, इसके बाद कई फिल्मों में हीरो इस तरह के किरदार में नज़र आये । ऋषि और नीतू सिंह की जोड़ी वाली इस फिल्म में लोगों को खूब गुदगुदाया ।
खेल खेल में (1975)
1975 में ऋषि कपूर की तीन फ़िल्में रफ्फू चक्कर, खेल खेल में और राजा आयी थी जिसमे से राजा को छोड़ दोनों फ़िल्में साल की टॉप टेन फिल्मों में शामिल थी । रवि टंडन द्वारा निर्देशित खेल खेल में सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी जो अंत तक दर्शकों को बांधने में कामयाब रही । फिल्म का गीत संगीत खूब सराहा गया । बाद में इस फिल्म से प्रेरित होकर शरमन जोशी की पहली फिल्म स्टाइल बनायीं गयी थी ।
लैला मजनू (1976)
लैला मजनू की अमर कहानी पर बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर के अभिनय को खूब सराहा गया । जयदेव और मदन मोहन के संगीत की बदौलत ऋषि कपूर की यह फिल्म इतिहास के पन्नो पर दर्ज हो गयी । इस फिल्म को देखते हुए आँखे नम हो जाती है । इस फिल्म के लगभग सभी गीत बिनाका गीतमाला में बहुत लम्बे समय तक बने रहे ।
हम किसी से कम नहीं (1977)
नासिर हुसैन की फिल्म हम किसी से कम नहीं ने साल की तीसरी टॉप ग्रोस्सिंग फिल्म थी, तारिक खान, ऋषि कपूर और काजल किरण की लव ट्रायंगल इस फिल्म से एक बार फिर ऋषि ने खुद को साबित किया । फिल्म के गीत संगीत ने इस फिल्म को अमर कर दिया जिसके चलते उस साल इस फिल्म के गीत संगीत को कई अवार्ड मिले ।
अमर अकबर अन्थोनी (1977)
मनमोहन देसाई की इस फिल्म में अमिताभ की मुख्य भूमिका थी इसके बावजूद अकबर इलाहाबादी के किरदार में ऋषि कपूर ने ऐसा रंग जमाया कि हर किसी नोटिस ने उन्हें नोटिस किया । फिल्म की मशहूर कव्वाली पर्दा है पर्दा और सिरडी वाले साईं बाबा आज भी गुनगुनाये जाते है ।
बदलते रिश्ते (1978)
ऋषि कपूर अभिनीत बदलते रिश्ते ऐसी फिल्म थी जिसमे पहली बार ऋषि ग्रे-शेड में नज़र आये थे । इसके बाद केशु रामसे की फिल्म खोज में ऋषि कपूर एक बार फिर ग्रे शेड में नज़र आये ।
प्रेम रोग (1982)
विधवा विवाह पर आधारित फिल्म प्रेम रोग में ऋषि कपूर ने देवधर उर्फ़ देव के किरदार को अमर कर दिया । इस फिल्म ने कमाई के मामले में कई सुपरस्टार को पीछे छोड़ दिया था । ये वो साल था जब अमिताभ ने नमक हलाल, खुद्दार, सत्ते पे सत्ता, शक्ति और देश प्रेमी जैसी सुपरहिट फिल्मे दी परन्तु कोई भी फिल्म प्रेम रोग की कमाई को छू भी नहीं पायी ।
इसके अलावा ऋषि कपूर की मस्ट वाच फ़िल्में बड़े दिलवाला, हीना, सरगम, ये वादा रहा, कुली, नगीना, नसीब अपना अपना, विजय, बोल राधा बोल, खोज, गुरुदेव, चांदनी, बॉबी और दीवाना है जिसमे ऋषि कपूर ने मुख्य भूमिका न सिर्फ निभाई बल्कि तारीफे भी लुटी ।