Nirdosh movie review in hindi : ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब काफी समय से घर पर बैठे हुए कलाकारों को अचानक से काम मिलता है और वो पूरी ईमानदारी व मेहनत के साथ काम करते है | निर्दोष भी इसी तरह की फिल्म है, जिसमे अरबाज़ खान, मंजरी फडनिस, अश्मित पटेल, महक चहल और मुकुल देव मुख्य भूमिका में है | सबने अपने अपने किरदार को बखूबी जिया है, मगर फिर भी फिल्म में कमी रह जाती है और वो कमी है कहानी की | जहाँ कलाकारों का अभिनय फिल्म का मजबूत पक्ष है, वही कमजोर कहानी उनके अभिनय पर पानी फेरने का काम करती है |
फिल्म की कहानी मुंबई में हुए एक कत्ल की है | शक की सुई जाती शिनाया ग्रोवर (मंजरी फड़नीस) पर और इंस्पेक्टर लोखंडे (अरबाज खान) उसे 3 दिन की रिमांड में ले लेता है | रिमांड के दौरान हई खोजबीन में कई राज खुलते है और इन खुलते हुए राज के कारण कभी शिनाया का पति गौतम (अश्मित ग्रोवर), तो कभी स्ट्रगलिंग मॉडल- एक्ट्रेस अदा सक्सेना (महक चहल) शक के घेरे में आते है और इसी बीच राणा (मुकुल देव) का आगमन होता है, मगर राणा कौन है ये कोई नहीं जानता | आखिरकार कातिल कौन है, यही फिल्म का क्लाइमेक्स है |
फिल्म की सबसे बड़ी कमी फिल्म की कहानी को 80 – 90 के दशक की थ्रिलर फिल्मों की तरह परोसना है, जहाँ आज कल कहानी को लेकर रोज़ एक नया एक्सपेरिमेंट होता है, उस दौर में पुरानी शैली में फिल्म को कहना, इसे ले डूबता है | फिल्म में गीत संगीत न के बराबर है और न ही इतना अच्छा है कि यदि फिल्म के दौरान भी आप सुन ले तो बाद में गुनगुना सके |
फिल्म को मंजरी फड़नीस, पुलिस अफसर बने अरबाज खान, अश्मित पटेल और मुकुल देव के अच्छे अभिनय के लिए देखा जा सकता है, हालाँकि महक चहल चाहती तो और बेहतर अभिनय कर सकती थी | बाकी 1 घंटा 50 मिनट की इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसकी तारीफ की जा सके |
MOVIE REVIEW – “Nirdosh” Full Movie Review | Public Review | Nirdosh Full Story
https://youtu.be/xOR65HPDZ0U