- किसान आंदोलन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद
- किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही उनके टेंटों की संख्या भी बढ़ती जा रही है
- पुलिस महानिरीक्षक मेरठ रेंज प्रवीण कुमार स्वयं यहां मोर्चा संभाले हैं
साहिबाबाद, 28 दिसंबर (एजेंसी)। यूपी गेट पर किसानों के टेंट बढ़ते जा रहे हैं। स्थिति को भांपते हुए पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क हो गया है। पुलिस के भी टेंट बढ़ने शुरू हो गए हैं। इससे साफ है कि पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद है।
दो दिसंबर तक किसानों का यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे तक ही कब्जा रहा। तीन दिसंबर की सुबह किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की दिल्ली जाने वाली लेनों पर कब्जा कर लिया। तब से उस पर किसानों का कब्जा है। किसानों की संख्या बढ़ने से उनके टेंट और वाहनों की कतार भी बढ़ती जा रही है। सोमवार को किसानों के वाहनों की कतार खोड़ा तक पहुंच गई। किसानों ने हाईवे पर दिल्ली की सीमा तक टेंट लगाकर डेरा जमा लिया। वहीं, लिंक रोड पर यूपी गेट पुलिस चौकी तक किसानों के वाहनों का कब्जा हो गया है।
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पुलिस भी हुई सतर्क: स्थितियों को पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह से भांप गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक मेरठ रेंज प्रवीण कुमार स्वयं यहां मोर्चा संभाले हैं। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी लगातार किसानों से संवाद कर रहे हैं। खुफिया विभाग व बम निरोधक दस्ता को लगाया गया है। अर्धसैनिक बल, पीएसी व पुलिसकर्मी तैनात हैं। अधिकारी लगातार कैंप कर रहे हैं। पुलिस ने भी अपने लिए यूपी गेट पुलिस चौकी, लिंक रोड और हाईवे के किनारे टेंट लगा लिया है। छह जिलों से आए अधिकारी किसान आंदोलन की निगरानी कर रहे हैं। शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
हो सकता है हादसा: लिंक रोड पर किसानों का कब्जा है। सड़क के दोनों किनारे किसानों के वाहन खड़े हो रहे हैं। किसान सड़क पर ही बैठ रहे हैं। उसके बावजूद उस सड़क पर वाहन चल रहे हैं। प्रशासन द्वारा रूट डायवर्जन नहीं किया गया है। इससे हादसा हो सकता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि या तो इस सड़क से किसानों को हटा दें, या वाहनों का संचालन रोक दिया जाए।
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आंदोलन में घुसे डेढ़ दर्जन संदिग्धों को पुलिस ने दबोचा
पुलिस ने सोमवार को यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में घुसे डेढ़ दर्जन संदिग्धों को दबोच लिया। उन पर शांति भंग की कार्रवाई की गई। वहीं, किसान भी अराजकतत्वों की पहचान करने में जुटे रहे। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने किसान नेताओं से वार्ता कर सुरक्षा व सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में अराजकतत्व घूम रहे हैं। वह माहौल खराब करने की जुगत में रहते हैं। उन पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी नजर रख रहे हैं। उन्हें पकड़कर कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को यहां घुसे डेढ़ दर्जन संदिग्धों को पुलिस ने पकड़ा। उनसे पूछताछ की, तो पता चला कि वह किसान नहीं हैं। सिर्फ यहां घूम रहे हैं। पुलिस ने उन पर शांति भंग में कार्रवाई की।
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किसानों ने संदिग्ध को पकड़ा: सोमवार दोपहर में एक संदिग्ध युवक को किसानों ने पकड़ा। उससे पूछा, तो पता चला कि वह मजदूरी करता है। खोड़ा में रहता है। किसानों ने उसे आंदोलन से बाहर का रास्ता दिखाया। किसान नेताओं ने भी अपने वालंटियरों से अराजकतत्वों पर नजर रखने को कहा है।
चोर उचक्के भी हैं सक्रिय: आंदोलन स्थल पर चोर-उचक्के भी सक्रिय हैं। नगर निगम द्वारा रखी गई पानी की टंकी की टोटियां, मोबाइल व बिस्तर तक गायब हो चुके हैं। इसको लेकर पुलिस व किसान दोनों सतर्क हुए हैैं। पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि आंदोलन पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था है। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।
अधिकारियों ने की वार्ता: अपर जिलाधिकारी नगर शैलेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने सोमवार को कई बार किसान नेताओं से वार्ता की। उन्हें पूरी तरह से सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। पानी, बिजली व शौचालय की व्यवस्था की जानकारी ली। इस पर किसान नेताओं ने संतुष्टि जाहिर की।
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