- तीन कृषि कानूनों के अमल पर फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगायी
- सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को चुनौती देती याचिकाओं पर फैसला सुनाया
- 22 से 24 सितंबर के बीच राष्ट्रपति ने इन कानूनों पर मुहर लगायी थी
नई दिल्ली 12 जनवरी (एजेंसी) प्राप्त जानकारी के अनुसार साढ़े तीन महीने पहले संसद से पास हुए तीन कृषि कानूनों के अमल पर फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इतना ही नहीं कृषि कानूनों को चुनौती देती याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी भी बना दी। बताया जा रहा है कि यह कमेटी किसानों से बातचीत करेगी।
ज्ञात हो कि पिछले साल सितंबर में सरकार ने तीन कृषि कानून संसद से पास कराए थे। 22 से 24 सितंबर के बीच राष्ट्रपति ने इन कानूनों पर मुहर लगा दी थी। किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कुछ वकीलों ने भी इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने 4 विशेषज्ञों की जो कमेटी बनाई है, उसमें कोई रिटायर्ड जज शामिल नहीं है। कमेटी में शामिल विशेषज्ञो के नाम भूपेंद्र सिंह मान – भारतीय किसान यूनियन, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी – इंटरनेशनल पॉलिसी हेड, अशोक गुलाटी – एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट और अनिल घनवत – शेतकरी संघटना, महाराष्ट्र है। बता दे कि कमेटी किसानों से बातचीत करेगी। हो सकता है कि सरकार को भी इसमें अपना पक्ष रखने का मौका मिले। यह कमेटी कोई फैसला या आदेश नहीं देगी।
यह सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी के पास कितना दिन का वक्त होगा, यह अभी साफ नहीं है। आंदोलन कर रहे 40 संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि हम किसी कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते, फिर भी एक बैठक कर इस पर फैसला लेंगे। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
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