नई दिल्ली, 18 जनवरी (एजेंसी)। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लयू) ने 5600 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम देने वाली कंपनी एनएसईएल (नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड) के सीईओ अंजनी सिन्हा को मुंबई से गिरफ्तार किया है। कंपनी ने करीब 13 हजार लोगों से ठगी की है। दिल्ली में भी इस कंपनी ने करोड़ों की ठगी की थी। उसे कोर्ट के समक्ष पेश कर ईओडब्लयू की टीम रिमांड पर दिल्ली ला रही है। ईओडब्ल्यू के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार अश्विन जे. शाह, जतिंदर कुमार आहूजा और सैयद हबीब-उर-रहमान की तरफ से ईओडब्लयू को शिकायत दी गई थी।
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उन्होंने बताया कि ब्रोकरेज फॉर्म इंटीग्रेटेड कमोडिटी ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड बाराखंबा रोड के निदेशक ने उनके साथ ठगी की है। उन्होंने बताया कि इस कंपनी के निदेशकों ने कमोडिटी मार्केट में रुपये लगाने की बात कही। उन्हें बताया गया कि एनएसईएल में उनके रुपये पूरी तरीके से सुरक्षित हैं और उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा। यह सरकार से जुड़ी हुई है। इसलिए उन्होंने करोड़ों रुपये लगा दिए लेकिन मुनाफा तो दूर उन्हें लगाए हुए रुपये भी वापस नहीं मिले। बिना सरकार की अनुमति से लगवाए पैसे पुलिस के अनुसार, ब्रोकर को यह सुनिश्चित करना था कि कॉमोडिटी खरीदने एवं बेचने पर होने वाला मुनाफा निवेशकों को मिले।
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एनएसईएल ने लोगों से ठगी के इरादे से टी-25 प्रोजेक्ट के तहत पैसे लगवाए। इसके लिए उन्होंने सरकार या मंत्रालय से किसी प्रकार की मंजूरी नहीं ली थी। कमोडिटी के नाम पर मोटे मुनाफे का झांसा एनएसईएल ब्रोकर द्वारा निवेशकों को दिया गया। यह पूरी तरीके से अवैध था और किसी पोंजी स्कीम के समान था। एनएसईएल ने अक्टूबर 2008 में अपनी शुरुआत टी वन कॉन्ट्रैक्ट से की थी, जिसके अनुसार कमोडिटी खरीदने वाला भुगतान करेगा और उसके अगले दिन उसे स्टॉक डिलीवर होगा लेकिन 2009 में एनएसईएल के डायरेक्टर ने इस अवधि को बढ़ाकर 11 दिन कर दिया। इसके बाद भी मंत्रालय से बिना अनुमति के उन्होंने कई नए प्रोजेक्ट लांच किए। 13 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी ईओडब्ल्यू के पास आए तीन शिकायतकर्ताओं को लगभग 7.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं मुम्बई में हुई शिकायतों में एनएसईएल द्वारा लगभग 13 हजार लोगों से 5600 करोड़ रुपये ठगे गए थे।
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मामले की जांच के दौरान आरोपितों की तलाश में पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही थी। एसआई गुलशन यादव की टीम ने रविवार को मुंबई से अंजनी सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह जिग्नेश शाह के लिए काम करता था, जो ग्रुप का एमडी और चेयरमैन है। जिग्नेश अपनी सब्सिडियरी कंपनी के द्वारा से मुनाफा कमाना चाहता था। इसलिए उसने एनएसईएल में मंत्रालय से मिले लाइसेंस का उल्लंघन कर फर्जीवाड़ा किया। 16 फीसदी मुनाफे का झांसा देकर ठगा 2009 में उसने कैस्टर सीड का कारोबार शुरू किया। इसके बाद कई अन्य कमोडिटी को उसने एनएसईएल के जरिए लॉन्च किया। इसमें स्टील, शुगर, कॉटन, मस्टर्ड सीड आदि शामिल हैं।
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2012 तक उनके पास 500 से ज्यादा ब्रोकर रजिस्टर्ड हो चुके थे। 2011-12 में उन्हें 26 करोड़ का मुनाफा हुआ लेकिन इसके बाद जिग्नेश ने शुगर को लेकर नई ट्रेडिंग कमोडिटी लॉन्च की। उन्होंने लोगों को 16 फीसदी मुनाफे का लॉन्च देकर वह माल बेचा, जो वास्तव में वेयरहाउस में था ही नहीं। इसकी वजह से एनएसईएल प्लेटफार्म पर बड़ा कारोबार हुआ और कंपनी को 2012-13 में 125 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। 1.80 करोड़ रुपये था अंजनी का वेतन गिरफ्तार किया गया आरोपित अंजनी सिन्हा पेशे से अकाउंटेंट है और वह एनएसईएल में शुरू से जुड़ा हुआ है।
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2012 में उसे कंपनी ने सीईओ बना दिया था। उसे 1.80 करोड़ रुपये सालाना वेतन मिलता था। वह इस चीटिंग के लिए पूरी तरीके से जिम्मेदार था। पुलिस ने उसे सोमवार को बोरीवली कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर लिया गया है। उसे पुलिस दिल्ली लेकर आ रही है। एनएसईएल के खिलाफ मुंबई एवं दिल्ली में करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं।