- गंभीर ने घड़ियाली आंसू और विक्टिम कार्ड को केजरीवाल के दो हथियार बताया
- मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाये
- दिल्ली को अभी तक केंद्र ने एक रूपये की भी मदद नहीं की
- अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव
नई दिल्ली, 06 मार्च (एजेंसी)।कोरोना संकट के समय में भाजपा नेता और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने दिल्ली सरकार को निशाना बनाते हुए कई गंभीर आरोप लगाये है। गंभीर ने दिल्ली की सरकार द्वारा पीपीइ किट की कमी बताए जाने को मुद्दा बनाते हुए कहा कि सुबह से शाम तक टीवी के प्रचार पर करोड़ों खर्च कर रहें अगर पीपीइ किट मंगाने पर लगाते तो जनता का भला हो जाता। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते पहले मैंने पीपीइ किट के लिए कहा था आज तक कोई जवाब नहीं आया। अब केजरीवाल केंद्र की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। गौतम गंभीर ने केजरीवाल को निशाना बनाते हुए कहा कि केजरीवाल के दो हथियार घड़ियाली आंसू और विक्टिम कार्ड।
Arvind ji, first ur Deputy claims shortage of funds. Now u contradict him & say there is shortage of kits Anyway, procured 1000 PPE kits. Please let me know where they can be delivered. Time for talks is over, it is time to ACT. Eagerly waiting for ur response #DelhiNeedsHonesty https://t.co/Q4Fz4XzTDv
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 6, 2020
मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाये
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को कोई सहायता राशि नहीं मिलने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे शर्मनाक और सौतेला व्यवहार करार देते हुए कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए अन्य राज्यों को आपातकालीन सहायता के रूप में 17,287 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित करते हुए एक पत्र में अपनी निराशा व्यक्त की है।
Gautam ji, thank u for ur offer. The problem is not of money but availability of PPE kits. We wud be grateful if u cud help us get them from somewhere immediately, Del govt will buy them. Thank u. https://t.co/YtFP4MjYo3
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 6, 2020
दिल्ली को अभी तक केंद्र ने एक रूपये की भी मदद नहीं की
सिसोदिया ने कहा कि पूरा देश कोरोना से पीड़ित है। दिल्ली सरकार और दिल्ली की जनता केंद्र के साथ सामूहिक रूप से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए काम कर रही है। केंद्र की ओर से आपातकालीन आपदा प्रबंधन राहत के तहत सभी राज्यों को 17,000 करोड़ रुपये दिए गए पर दिल्ली को इसमें से एक रूपया भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं करना, सिर्फ यह दर्शाता है कि कोरोना जैसी आपदा के समय भी केंद्र राजनीति खेल रहा है।
मैंने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए भी आपदा फंड की माँग की है. केंद्र ने राज्यों को कोरोना से लड़ने के लिए, आपदा फंड से 17 हज़ार करोड़ जारी किए लेकिन दिल्ली को इसमें एक रुपया भी नहीं दिया. इस समय पूरे देश को एक होकर लड़ना चाहिए. इस तरह का भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है. pic.twitter.com/OEKMt783Ez
— Manish Sisodia (@msisodia) April 4, 2020
अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव
सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। हमने केंद्र से दिल्ली सरकार को और अधिक पीपीई और जांच किट प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस समय हम सभी एकजुट रहें और राजनीति न करें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली को पैसे के आवंटन से बाहर रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव हैं।
दिल्ली में 71 लाख लाभार्थियों को 7.5 किलोग्राम राशन मुफ्त देने का प्रावधान लागू किया गया
स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली केंद्र को सर्वाधिक साथ दे रही है। दिल्ली सरकार दिन में दो बार 6.5 लाख से अधिक लोगों को भोजन प्रदान कर रही है और लगभग 10 लाख लोगों को भोजन देने की क्षमता रखती है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 71 लाख लाभार्थियों को 7.5 किलोग्राम राशन मुफ्त देने का प्रावधान किया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली को राहत कोष के दायरे से बाहर रखा जाना दिल्ली के लोगों के प्रति अनुचित व्यवहार है।