- दिल्ली में रामलीला की तैयारियां जोरों शोरों पर
- कोविड-19 की महामारी के कारण सरकार से अनुमति मिलने को लेकर आशंका बरकरार
- रामलीला समितियों की योजना की कोराना का पुतला भी जलाएंगे
नई दिल्ली, 02 सितंबर (एजेंसी)। राष्ट्रीय राजधानी में रामलीला समितियों ने अक्टूबर में होने वाले 10 दिनों के दशहरा उत्सव से पहले अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि, वे कोविड-19 महामारी के बीच इस कार्यक्रम के लिये सरकार से उन्हें अनुमति मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
रामलीला समितियों का मानना है कि छोटे स्तर पर ही सही, उन्हें इस साल कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना चाहिए। यदि इस बार दशहरा उत्सव होता है तो रामलीला समितियों की येाजना रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ कोरोना वायरस का पुतला दहन करने की भी है।
श्रीराम धार्मिक लीला कमेटी, त्री नगर के महासचिव अनिल गर्ग ने कहा, ‘‘इस साल राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन हुआ है। कुछ दिन पहले हम दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता से मिले थे और उन्होंने कहा कि आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रामलीला के आयोजन के दौरान 100 से अधिक लोग उपस्थित नहीं होंगे। लेकिन ज्यादातर मामलों में समस्या यह है कि 100 से ज्यादा तो कलाकार ही हो जाते हैं जो रामलीला का हिस्सा हैं। ’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि वे लोग शहर की सरकार से अनुमति मिलने और उस स्थिति में आयोजन के लिये दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पीतमपुरा में हम रोज साढ़े तीन घंटे संपूर्ण रामायण का मंचन करेंगे और इसमें थियेटर कलाकार होंगे। हम कोशिश और सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम हम यह कर सकें। ’’
लाल किला के पास वाले लव कुश रामलीला कमेटी के अर्जुन कुमार ने कहा कि यदि सरकार 100 लोगों के एकत्र होने की अनुमति देती है तो ‘‘हम प्रतिदिन बस भगवान राम की पूजा अर्चना ही कर सकेंगे। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘रामललीला कमेटी के करीब 100 पदाधिकारी हैं। कलाकारों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना मुश्किल होगा और उन्हें मास्क पहन कर अभिनय करने में भी मुश्किल होगी। देखते हैं यह कैसे होता है। ’’
कुमार ने कहा कि उन्होंने आयोजन स्थल के लिये आवेदन दिया है और यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार अनुमति देती है और किन शर्तों पर देती है। रामलीला कमेटियों को दिल्ली पुलिस से भी अनुमति लेने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी होगा वह छोटे स्तर पर ही होगा। साथ ही, यदि अनुमति नहीं मिलती है तो हम पिछले साल की रामलीला का अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारण कर सकते हैं। यदि अनुमति मिलती है और ज्यादा लोगों के एकत्र होने की संभावना नहीं होगी तो हम किसी धार्मिक टीवी चैनल से गठजोड़ करेंगे और इस साल की रामलीला का प्रसारण उसके जरिये करेंगे।’’
द्वारका श्री रामलीला के मुख्य संस्थापक राजेश गहलोत ने कहा कि उन्होंने उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है ताकि कम से कम उन्हें अनुमति मिल सके। उन्होंने कहा,‘‘ हमने तीन दिनों का वक्त मांगा है और उसमें हम आम तौर पर 10 दिनों तक चलने वाली रामलीला दिखा देंगे। यदि दशहरा उत्सव की अनुमति मिलती है तो हम उसके लिये भी तैयार हैं। हम कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। ’’
दिल्ली में कोविड-19 के अब तक 1.77 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इस महामारी से 4,462 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों तक संक्रमण का प्रसार नियंत्रित रहने के बाद शहर में एक बार फिर यह बढ़ रहा है।