लोन दिलाने के लिए भाजपा के विधायक से की थी ठगी
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विनोद कुमार कटियार कानपुर देहात की भौगनीपुर विधानसभा सीट से हैं विधायक
विनोद कुमार कटियार की एवीपी बिल्डटेक रियल एस्टेट नाम की है कंपनी
नोएडा, 23 नवंबर (एजेंसी)। सेक्टर-49 थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर भाजपा विधायक से ठगी करने वाले आरोपी को हरिद्वार में उसके घर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कानपुर देहात की भौगनीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विनोद कुमार कटियार से 35 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
पुलिस से की थी 34 लगी ठगी की शिकायत
विधायक विनोद कुमार कटियार का सेक्टर-51 में बिल्डर का कार्यालय है। उनकी कंपनी एवीपी बिल्डटेक रियल एस्टेट से जुड़ी है। वह विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार कर फ्लैट बेचते हैं। विधायक ने 27 जुलाई को सेक्टर-49 थाना पुलिस को शिकायत दी कि उनके साथ 35 लाख रुपये की ठगी की गई है।
लोन दिलाने का दिलाया था झांसा
आरोप था कि दिल्ली निवासी विकास अग्रवाल और हरिद्वार के कलीयर थाना क्षेत्र के गांव मेवड़ कला निवासी तरुण सैनी ने अपने साथियों के साथ मिलकर ठगी की है। विधायक को अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए लोन की आवश्यकता थी। इस पर दोनों आरोपियों ने 50 करोड़ रुपये का लोन जारी कराने की हामी भर ली। फिर आरोपियों ने विधायक से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 35 लाख रुपये ले लिए।
16 आरोपियों के खिलाफ दर्ज करवाया मामला
आरोपियों ने इसके बाद न तो लोन कराया और न ही पैसे वापस किए। जब आरोपियों ने काफी दिनों तक रुपये वापस नहीं किए तो विधायक ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने विकास और तरुण सहित 16 आरोपियों को नामजद कर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। अब पुलिस ने आरोपी तरुण को उसके गांव से गिरफ्तार किया है।
प्रोसेसिंग फीस के नाम पर अलग अलग खातों में जमा कराई थी रकम
पुलिस पूछताछ में आरोपी तरुण ने खुलासा किया कि उन्होंने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर विधायक से अलग- अलग बैंक खातों में रकम जमा कराई थी। इसके तहत आरोपी तरुण के खाते में 12 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जांच अधिकारी सोनवीर सिंह ने बताया कि आरोपी से अभी पैसे की बरामदगी नहीं की गई है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
कई आरोपी अभी भी फरार
पुलिस धोखाधड़ी के मामले में वांछित आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस के पास सभी के नाम व पते आ चुके हैं। इसके आधार पर उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। हालांकि, अधिकतर आरोपी अपने घरों से फरार हैं। पुलिस उनके मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन खंगाल रही है। तरुण को भी सर्विलांस की मदद से ही गिरफ्तार किया गया है।