तेज़ बुखार और साँस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया
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जांच करने पर कोविड 19 संक्रमण की पुष्टि
रूसी, मध्य एशियाई और पूर्वी एशियाई इतिहास के विशेषज्ञ माने जाते थे
कोलकाता, 10 मई (एजेंसी)। 68 वर्षीय प्रख्यात इतिहासकार हरि शंकर वासुदेवन की आज एक अस्पताल में मृत्यु हो गई। सूत्रों के अनुसार उनके परिवारवालों ने बताया कि उन्हें तेज बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी हो के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की पुष्टि हुयी थी। उनके परिवारवालों ने बताया कि शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात एक बजे उन्होंने अंतिम सांस लीइस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। उनके परिवार की बात करे तो वो अपने पीछे पत्नी ताप्ती गुहा ठकुरता और बेटी को छोड़ गये हैं।
वासुदेवन को रूस और मध्य एशिया विषय के इतिहासकारों में अग्रणी नामों में एक माना जाता है। उनकी मृत्यु पर अपने बयान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि वासुदेवन की मृत्यु कोरोना वायरस से हुई। उन्होंने धनखड़ को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि वह भारत-रूस परियोजनाओं में शामिल थे, वह संस्कृति मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की परियोजनाओं/संस्थानों में औपचारिक सलाहकार भी रहे थे और 2005 से राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के समाज विज्ञान विषयों के लिये पाठ्यपुस्तिका विकास समिति के अध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभाई।
यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रख्यात इतिहासकार प्रो. सुरंजन दास ने कहा कि मैं उन्हें चार दशक से जानता था। यह मेरे लिये व्यक्तिगत नुकसान है। प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार ने कहा कि वासुदेवन को रूसी, मध्य एशियाई और पूर्वी एशियाई इतिहास का एक विशेषज्ञ माना जाता था।
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