Adam Gondvi Hindi Gazal: Jiske sammohan mai pagal dharti hai aakash bhi hai
जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है
एक पहेली-सी दुनिया ये गल्प भी है इतिहास भी है
चिंतन के सोपान पे चढ़ कर चाँद-सितारे छू आये
लेकिन मन की गहराई में माटी की बू-बास भी है
मानव मन के द्वन्द्व को आख़िर किस साँचे में ढालोगे
महारास’ की पृष्ट-भूमि में ओशो का सन्यास भी है
इन्द्र-धनुष के पुल से गुज़र कर इस बस्ती तक आए हैं
जहाँ भूख की धूप सलोनी चंचल है बिन्दास भी है
कंकरीट के इस जंगल में फूल खिले पर गंध नहीं
स्मृतियों की घाटी में यूँ कहने को मधुमास भी है.
अदम गोंडवी की अन्य गजल
- न महलों की बुलंदी से न लफ़्ज़ों के नगीने से
- जो उलझ कर रह गई है फाइलों के जाल में
- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए
- ज़ुल्फ़-अँगड़ाई-तबस्सुम-चाँद-आईना-गुलाब
- चाँद है ज़ेरे-क़दम, सूरज खिलौना हो गया
- घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है
- काजू भुने पलेट में ह्विस्की गिलास में
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िंदगी
- हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है
- बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन की नशीली है
- जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को
- जुल्फ अँगड़ाई तबस्सुम चाँद आइना गुलाब
- जो उलझ कर रह गई है फाइलों के जाल में
- विकट बाढ़ की करुण कहानी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो
- जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी
- न महलों की बुलन्दी से , न लफ़्ज़ों के नगीने से
- चाँद है ज़ेरे क़दम, सूरज खिलौना हो गया
- ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में
- वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं
- काजू भुनी प्लेट में ह्विस्की गिलास में
- वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
- तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
- हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये
- ग़र चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे
- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये
- मुक्तिकामी चेतना अभ्यर्थना इतिहास की
- बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है
- भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
- जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे
- मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको
- सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है-अदम गोंडवी