Chetan anand Hindi Gazal: Jhaanke hai koi pal pal ahashash ki nadi mai
झांके है कोई पलपल अहसास की नदी में,
होने लगी है हलचल अहसास की नदी में।
पानी में जब वो झांके, चांदी-सी चमकी जैसे,
उतरा हो जैसे बादल अहसास की नदी में।
महके हैं लफ्ज़ सारे, घोला है जैसे तुमने,
खुशबू का कोई काजल अहसास की नदी में।
तुम चल दिये हो उठकर, लेकिन ज़रा ये देखो,
कोई पड़ा है घायल अहसास की नदी में।
यूं ही ज़रा-सी उनकी मुझपर नज़र पड़ी थी,
बदला उदास मरुथल अहसास की नदी में।
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