निक्की का सपना ओलंपिक पदक विजेता के रूप में पहचान बनाना
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कड़ी मेहनत के साथ साथ लोगों के समर्थन ने मनोबल बढाया
निक्की टीम से 110 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी है
बेंगलुरू, 12 मई (एजेंसी)। लॉकडाउन के चलते स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक के दुबारा शुरू होने की स्थिति में मिडफील्डर निक्की प्रधान ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में पोडियम पर जगह बनाने में भारतीय हॉकी टीम की सदस्य कोई कसर नहीं छोड़ेंगी क्योंकि वो सिर्फ ओलंपियन नहीं बल्कि ओलंपिक पदक विजेता बनना चाहती हैं। 36 साल बाद रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जगह बनाई, जिसे याद करते हुए निक्की ने बताया कि 2016 का लम्हा हम सभी के लिए काफी बड़ा था, हम बेहद खुश थे कि हमने 36 साल बाद ओलंपिक में जगह बनाई है लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक शुरुआत थी।
निक्की का सपना ओलंपिक पदक विजेता के रूप में पहचान बनाना
भारतीय टीम ने नवंबर में अमेरिका को कुल स्कोर के आधार पर 6-5 से हराकर अब स्थगित हो चुके टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। यह दूसरा अवसर है कि जबकि टीम ने ओलंपिक में जगह बनायी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा ओलंपिक पदक का सपना देखा है और मुझे पता है कि बाकी लड़कियां भी चाहती हैं कि उन्हें ओलंपिक पदक विजेता के रूप में पहचाना जाए और सिर्फ ओलंपियन के रूप में नहीं। इसलिए हम जब भी टोक्यो में कदम रखेंगे तो पोडियम पर जगह बनाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। इस मिडफील्डर ने ओलंपिक में खेलने के अपने सफर की शुरुआत झारखंड के छोटे से गंवा हेसल से की। खूंटी जिले में पली-बढ़ी निक्की ने कहा कि वह हमेशा से इतने आत्मविश्वास से नहीं भरी थी।
कड़ी मेहनत के साथ साथ लोगों के समर्थन ने मनोबल बढाया
उन्होंने आगे कहा कि मैं ऐसे स्थान से आती हूं जिसने महिला हॉकी को काफी खिलाड़ी दी हैं और निश्चित तौर पर यह सफर काफी कड़ा था क्योंकि तब आपके पास सीमित संसाधन थे। उन्होंने कहा कि कभी कभी मेरे लिए यह कल्पना करना मुश्किल था कि मैं पेशेवर हॉकी खिलाड़ी हूं लेकिन मुझे लगता है कि मैंने जो कड़ी मेहनत की और मेरे आसपास के लोगों से मुझे जो समर्थन मिला उससे मेरा काफी मनोबल बढ़ा। मैंने राज्य का प्रतिनिधित्व शुरू किया जिसके बाद मुझे राष्ट्रीय टीम में चुना गया।
निक्की टीम से 110 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी है
निक्की का मानना है कि झारखंड में एक बार फिर हॉकी आगे बढ़ रही है। भारत की ओर से 110 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली इस खिलाड़ी ने कहा कि सलीमा (टेटे) भी टीम में हैं, आप देख सकते हैं कि झारखंड के खिलाड़ी कितने प्रतिभावान हैं। पिछले कुछ वर्षों में उसने काफी सुधार किया है और अपने क्षेत्र से किसी को टीम में देखना काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि इससे यह भी साबित होता है कि खेल लगातार विकास कर रहा है और खिलाड़ी इसे गंभीरता से ले रही हैं। निश्चित तौर पर मैं उम्मीद करती हूं कि आगामी वर्षों में काफी और खिलाड़ी टीम में जगह बनाएंगी।