शंकर की पुरी, चीन ने सेना को उतारा चालीस करोड़ों को हिमालय ने पुकारा हो जाय पराधीन नहीं गंग की...
इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही । पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही ।।...