Karmveer Poem -Ayodhya Singh Upadhyay ~ कर्मवीर – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध : कर्मवीर कविता के रचिता अयोध्या सिंह उपायध्या...
Premchand Story : Mata Ka Hriday : माँ का ह्रदय नामक कहानी बेहद ही मार्मिक है। इस कहानी के माध्यम...
Munshi premchand ki kahani Qatil मुंशी प्रेमचंद की कहानी कातिल: जाड़ों की रात में धर्मवीर अपनी माँ से बात कर...
लैला: प्रेमचंद | Laila : Premchand’s Hindi story: मुंशी प्रेमचंद ने लैला को जिसके गीत सुन कोई भी मन्त्र मुग्ध...
Nirvaasan Munshi Premchand ki Kahani : कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद ने समाज में महिलाओं की स्थिति और उनको लेकर...
दफ्तर में जरा देर से आना अफसरों की शान है। जितना ही बड़ा अधिकारी होता है, उत्तरी ही देर में...
मझगाँव ‘प्रियतम, प्रेम पत्र आया। सिर पर चढ़ाकर नेत्रों से लगाया। ऐसे पत्र तुम न लख करो ! हृदय विदीर्ण...
आज तीन दिन गुजर गये। शाम का वक्त था। मैं यूनिवर्सिटी हाल से खुश-खुश चला आ रहा था। मेरे सैंकड़ों...
उस दिन जब मेरे मकान के सामने सड़क की दूसरी तरफ एक पान की दुकान खुली तो मैं बाग-बाग हो...
संध्या का समय था। डाक्टर चड्ढा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे। मोटर द्वार के सामने खड़ी थी...
रोगी जब तक बीमार रहता है उसे सुध नहीं रहती कि कौन मेरी औषधि करता है, कौन मुझे देखने के...
मुल्के जन्नतनिशॉँ के इतिहास में वह अँधेरा वक्त था जब शाह किशवर की फतहों की बाढ़ बड़े जोर-शोर के साथ...
अनाथ और विधवा मानी के लिए जीवन में अब रोने के सिवा दूसरा अवलम्ब न था । वह पांच वर्ष...
बाबू रामरक्षादास दिल्ली के एक ऐश्वर्यशाली खत्री थे, बहुत ही ठाठ-बाट से रहनेवाले। बड़े-बड़े अमीर उनके यहॉँ नित्य आते-आते थे।...
जब तक विरजन ससुराल से न आयी थी तब तक उसकी दृष्टि में एक हिन्दु-पतिव्रता के कर्तव्य और आदर्श का...
दिलफिगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किये बैठा हुआ खून के आँसू बहा रहा था। वह सौन्दर्य की...
जिस वीर तुर्कों के प्रखर प्रताप से ईसाई दुनिया कौप रही थी , उन्हीं का रक्त आज कुस्तुनतुनिया की गलियों...
कानपुर जिले में पंडित भृगुदत्त नामक एक बड़े जमींदार थे। मुंशी सत्यनारायण उनके कारिंदा थे। वह बड़े स्वामिभक्त और सच्चरित्र...
वृजरानी की विदाई के पश्चात सुवामा का घर ऐसा सूना हो गया, मानो पिंजरे से सुआ उड़ गया। वह इस...
उन दिनों दूध की तकलीफ थी। कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहारों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं। दो-चार...