Premchand Story : Mata Ka Hriday : माँ का ह्रदय नामक कहानी बेहद ही मार्मिक है। इस कहानी के माध्यम...
लैला: प्रेमचंद | Laila : Premchand’s Hindi story: मुंशी प्रेमचंद ने लैला को जिसके गीत सुन कोई भी मन्त्र मुग्ध...
Nirvaasan Munshi Premchand ki Kahani : कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद ने समाज में महिलाओं की स्थिति और उनको लेकर...
सेठ लगनदास जी के जीवन की बगिया फलहीन थी। कोई ऐसा मानवीय, आध्यात्मिक या चिकित्सात्मक प्रयत्न न था जो उन्होंने...
मिलाप: प्रेमचंद की कहानी | Milaap hindi story by Munshi Premchand लाला ज्ञानचन्द बैठे हुए हिसाब–किताब जाँच रहे थे कि...
कफन: मुंशी प्रेमचंद Munshi premchand story kafan in hindi झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए...
प्रात:काल था। आषढ़ का पहला दौंगड़ा निकल गया था। कीट-पतंग चारों तरफ रेंगते दिखायी देते थे। तिलोत्तमा ने वाटिका की...
भानु चौधरी अपने गॉँव के मुखिया थे। गॉँव में उनका बड़ा मान था। दारोगा जी उन्हें टाटा बिना जमीन पर...
बाबू ब्रजनाथ कानून पढ़ने में मग्न थे, और उनके दोनों बच्चे लड़ाई करने में। श्यामा चिल्लाती, कि मुन्नू मेरी गुड़िया...
Bade Ghar ki Beti Premchand (बड़े घर की बेटी) हिंदी के प्रख्यात कथाकार मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) की कहानी है।...
Atmaram Hindi stroy by Munshi premchand आत्माराम : प्रेमचंद की कहानी वेदों-ग्राम में महादेव सोनार एक सुविख्यात आदमी था। वह...
लखनऊ नेशनल बैंक के दफ्तर में लाला साईंदास आराम कुर्सी पर लेटे हुए शेयरो का भाव देख रहे थे और...
जब मै ससुराल आयी, तो बिलकुल फूहड थी। न पहनने-ओढ़ने को सलीका , न बातचीत करने का ढंग। सिर उठाकर...
आज सबेरे ही से गॉँव में हलचल मची हुई थी। कच्ची झोपड़ियॉँ हँसती हुई जान पड़ती थी। आज सत्याग्रहियों का...
Maiku hindi story Munshi Premchand मैकू : प्रेमचंद की कहानी कादिर और मैकू ताड़ीखाने के सामने पहूँचे;तो वहॉँ कॉँग्रेस के...
पूर्ण स्वराज्य का जुलूस निकल रहा था। कुछ युवक, कुछ बूढ़ें, कुछ बालक झंडियां और झंडे लिये बंदेमातरम् गाते हुए...
कॉँग्रेस-कमेटी में यह सवाल पेश था-शराब और ताड़ी की दूकानों पर कौन धरना देने जाय? कमेटी के पच्चीस मेम्बर सिर...
मिस्टर सेठ को सभी हिन्दुसतानी चीजों से नफरत थी ओर उनकी सुन्दरी पत्नी गोदावरी को सभी विदेशी चीजों से चिढ़...
मृदुला मैजिस्ट्रेट के इजलास से जनाने जेल में वापस आयी, तो उसका मुख प्रसन्न था। बरी हो जोने की गुलाबी...
कर्मों का फल: प्रेमचंद की कहानी | Karmon ka phal Premchand Hindi story मुझे हमेशा आदमियों के परखने की सनक...