जब मैं अपने चार साल के लड़के रामसरूप को गौर से देखता हूं तो ऐसा मालूम होता है कि उसमें...
शिवदास ने भंडारे की कुंजी अपनी बहू रामप्यारी के सामने फेंककर अपनी बूढ़ी ऑंखों में ऑंसू भरकर कहा—बहू, आज से...
सभ्यता का रहस्य – मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Sabhyata ka Rahasya premchand ki hindi kahaniya यों तो मेरी समझ...
मुंशी संजीवनलाल, जिन्होंने सुवाम का घर भाड़े पर लिया था, बड़े विचारशील मनुष्य थे। पहले एक प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त...
बहुत दिनों की बात है, मैं एक बड़ी रियासत का एक विश्वस्त अधिकारी था। जैसी मेरी आदत है, मैं रियासत...
ईश्वरी एक बडे जमींदार का लड़का था और मैं गरीब क्लर्क था, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद...
माधवी प्रथम ही से मुरझायी हुई कली थी। निराशा ने उसे खाक मे मिला दिया। बीस वर्ष की तपस्विनी योगिनी...
सुवामा तन-मन से विवाह की तैयारियां करने लगीं। भोर से संध्या तक विवाह के ही धन्धों में उलझी रहती। सुशीला...
प्रात:काल मुं. गुलाबाजखां ने नमाज पढ़ी, कपड़े पहने और महरी से किराये की गाड़ी लाने को कहा। शीरी बेगम ने...
स्वर्गीय देवनाथ मेरे अभिन्न मित्रों में थे। आज भी जब उनकी याद आती है, तो वह रंगरेलियां आंखों में फिर...
दूसरे दिन बालाजी स्थान-स्थान से निवृत होकर राजा धर्मसिंह की प्रतीक्षा करने लगे। आज राजघाट पर एक विशाल गोशाला का...
सखियां– मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Sakhiyaan Premchand story डिप्टी श्यामाचरण का भवन आज सुन्दरियों के जमघट से इन्द्र का...
पण्डित मोटेराम जी शास्त्री को कौन नही जानता! आप अधिकारियों का रूख देखकर काम करते है। स्वदेशी आन्दोलने के दिनों...
बड़े भाई साहब – मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Bade bhai sahab premchand story मेरे भाई साहब मुझसे पॉँच...
सूरज क्षितिज की गोद से निकला, बच्चा पालने से—वही स्निग्धता, वही लाली, वही खुमार, वही रोशनी।मैं बरामदे में बैठा था।...
शहर लंदन के एक पुराने टूटे-फूटे होटल में जहां शाम ही से अंधेरा हो जाता है, जिस हिस्से में फैशनेबुल...
Pratapchand aur kamlacharan premchand story प्रतापचन्द्र को प्रयाग कालेज में पढ़ते तीन साल हो चुके थे। इतने काल में उसने...
अंधेरी रात है, मूसलाधार पानी बरस रहा है। खिड़कियों पर पानीके थप्पड़ लग रहे हैं। कमरे की रोशनी खिड़की से...