- स्कूल संचालकों के लिए मुसीबत भरा होगा कर देना
- कड़ी में व्यवसायिक और घरेलू दुकान और मकान भी शामिल है
- सर्वे का कार्य पूरा होते ही पुन: कर निर्धारण किया जाएगा
मीरजापुर, 02 फरवरी (एजेंसी)। कछवां नगर पंचायत कार्यालय अब मुहिम छेड़ने वाला है। स्कूल संचालकों के लिए मुसीबत भरा होगा कर देना। क्योकि एक-एक स्कूलों की बिल्डिंग के अनुसार कर का निर्धारण होगा। इसके वजह से संचालकों की जेब अब ढीली होगी। नगर क्षेत्र में आने वाले सभी निजी मान्यता प्राप्त और एडेड स्कूलों के भवनों समेत छूटे हुए मकानों पर जिन पर आज तक गृहकर नहीं लगा है, सभी का सर्वे किया जा रहा है।
जीआइएस कर्मी बारह वार्डो में करीब छह वार्डों का सर्वे भी कर चुके है। हर वर्ष नगर पंचायत को अब लाखों रुपये की राजस्व वसूली से फायदा होगा। अधिशासी अधिकारी नवनीत कुमार सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्र में तमाम ऐसे स्कूल है, जिनका भवन मानचित्र स्वीकृत नहीं है। साथ ही इसी कड़ी में व्यवसायिक और घरेलू दुकान और मकान भी शामिल है। शासनादेश के अनुसार निर्धारित कर हर स्कूल मकानों और सरकारी कार्यालयों पर लगाया जाएगा जिसके लिए सर्वे जारी है।
सर्वे का कार्य पूरा होते ही पुन: कर निर्धारण किया जाएगा। राजकीय स्कूलों को इससे बाहर रखा गया है। इसके अलावा सभी सरकारी कार्यालय के भवनों को कर की श्रेणी में सम्मलित किया जाएगा, अभी तक महज एक ही स्कूल है, जिस पर टैक्सेसन है। इसका सालाना कर करीब एक लाख रुपये के आसपास निर्धारण हुआ है। नगर के बारहों वार्डों में गृहकर वसूली का अभियान चल रहा है। चार लाख रुपये करीब बकाया है। इनको जमा कराया जा रहा है।