Bheem kund ka rahasya In Hindi: यूं तो प्रकृति अपने में हजारों रहस्यों को समेटे हुए है। आज भी बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां जाकर आम इंसान ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी हतप्रभ हो जाते हैं। ऐसा ही एक स्थान है मध्यप्रदेश में सागर छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित भीम कुंड। यह कुंड एक बहुत बड़ी गुफा के अंदर बना हुआ है।
बताया जाता है कि द्वापर युग में महबली भीम ने अपनी गदा के एक प्रहार से इस कुंड का निर्माण किया है। इस कुंड की गहराई का अब तक पता नहीं चल पाया है। कई वैज्ञानिकों और गोतोखोरों ने इस कुंड की गहराई का पता लगाने की कोशिशें की मगर उन्हें हताशा ही हाथ लगी।
भीमकुंड (Bheem kund) जितना देखने में अद्भुत है , उतना ही उसका इतिहास गौरवपूर्ण है। यह प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थानों में भी शुमार है। पुराण में इसका तीन बार उल्लेख आया है। इसे भीमकुंड (Bheem Kund), नारदकुंड (Narad Kund) और नीलकुंड (Neel Kund) बताया गया है। वहीं भू-गर्भ के ज्ञात शालिनी त्रिपाठी बताती हैं कि । यह एक शांत ज्वालामुखी है। यह ज्वालामुखी कठोर चट्टानों के बीच होती है। मध्यप्रदेश के भोजपुर मंदिर के बारे में जानें।
सूर्य की किरणें पड़ते ही मोरपंख की आभा को लिए दिखने वाला यह कुंड और भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कुंड में जब कोई 80 फीट नीचे जाता है ,तो तेज जलधारा बहती मिलती है,। जिसे जानकार इसका जुड़ाव समुद्र से बता रहे हैं । उनका कहना है ये अंदर से समुद्र से जुड़ा हुआ है ।
अठारवीं सदी के अंतिम दशक में विजावर रियासत के राजा ने मकर संक्रंति (Makar Sankranti) पर यहां मेले का आयोजन किया। तब से यहां मेला लगाने की परंपरा चली आ रही है।
भीम कुंड – चमत्कार या रहस्य? | Bheem Kund – a Miracle or a Mystery?