Biography of Humayun in Hindi Jivani : प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के पुत्र हुमायूँ का पूरा नाम नसीरुद्दीन हुमायूँ था, जिसने अफगानिस्तान, पकिस्तान और उत्तरी भारत के कुछ भागों पर शासन किया था । एक बार अपना साम्राज्य खो देने के बाद फिर हुमायूँ ने पर्शिया के सफविद राजवंशियो की सहायता से अपने खोये हुए साम्राज्य को हासिल किया । अपनी मृत्यु यानि कि 1556 से पूर्व तक तक़रीबन दस लाख किलोमीटर तक हुमायूँ का साम्राज्य फैला हुआ था। हुमायूँ की जीवनी हुमायूँनामा को उनकी बहन गुलबदन बेग़म ने लिखा है ।
बाबर की मृत्यु के बाद 30 दिसम्बर, 1530 ई. को हुमायूँ का राज्याभिषेक किया गया, इस वक़्त इनकी उम्र 23 वर्ष थी । एक तो अल्पायु, साथ ही साथ अनुभव की कमी । इसी बात का फायदा उठाकर इनके भाई कामरान मिर्ज़ा ने अनुवांशिक रूप से काबुल और लाहौर पर कब्ज़ा कर लिया और एक तरह से मिर्ज़ा अपने भाई हुमायूँ के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी के रूप में सामने आये ।
1537 ई. में हुमायूँ ने चुनार के क़िले पर घेरा और शेरशाह के पुत्र कुतुब ख़ाँ ने हुमायूँ को लगभग छः महीने तक क़िले पर अधिकर नहीं करने दिया। अन्ततः हुमायूँ ने कूटनीति एवं तोपखाने के प्रयोग से क़िले पर अपना क़ब्ज़ा कर लिया था । 26 जून, 1539 ई. को हुमायूँ एवं शेर ख़ाँ की सेनाओं के मध्य गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित ‘चौसा’ नामक स्थान पर संघर्ष हुआ। यह युद्ध हुमायूँ अपनी कुछ ग़लतियों के कारण हार गया। बहुत कम समय में ही हुमायूँ में मुग़ल साम्राज्य को बढाया। बाबर के बेटो में हुमायूँ सबसे बड़ा था। वह वीर, उदार और भला था लेकिन बाबर की तरह कुशल सेनानी और निपुण शासक नही बन पाया।
ये हुमायूँ का दुर्भाग्य ही था कि दिल्ली के तख़्त पर बैठ वो अधिक दिन तक सत्ताभोग नहीं कर सका और “दीनपनाह” भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढियों से गिरने के कारण 1556 में हुमायूँ की मृत्यु हो गयी थी । इतिहासकार लेनपुल ने हुमायूँ के बारे में कहा था, “हुमायूँ गिरते पड़ते इस जीवन से मुक्त हो गया, ठीक उसी तरह, जिस तरह तमाम जिन्दगी गिरते पड़ते चलता रहा था”। जिस समय हुमायूँ की मृत्यु हुई उस समय उसका पुत्र अकबर 13−14 वर्ष का बालक था। हुमायूँ के बाद उसके पुत्र अकबर को उत्तराधिकारी घोषित किया गया और उसका संरक्षक बैरम ख़ाँ को बनाया गया।
Humayun, History of India, Babar, Mughal Emperor Video: