Hogenakkal: Niagara Falls of India in hindi : हेगेनेक्कल, यानी स्मोकिंग रॉक्स। पत्थरों से बेतहाशा टकराती कावेदी नदी, जिसे दूर से देखो तो लगेगा कि मानों पत्थरों से धुएं का गुबार उठ रहा हो। वैसे तो खबरों में होगेनेक्कल का जब भी जिक्र हुआ है, विवादों की वजह से ही हुआ है। लेकिन यकीन मानिए, प्रकृति का ये नायाब और अद्भुत नजारा आपको हर कहीं देखने को नहीं मिलेगा।
यहां कावेरी नदी का चंचल और रौद्र रूप दिखायी देता है, मानों इठलाती, बलखाती, पत्थरों से टकराती नदी अपनी ही मस्ती में बहती जा रही है। न चट्टानों की दीवार उसे रोक सकती है और न ही कोई खाई उसे खुद में समा सकती है। जिधर नजर घुमाएंगे, झरनें ही झरनें, पानी ओर उनका शोर सुनायी देगा।
होगेनेक्कल (Hogenakka) कर्नाटक और तमिलनाडु के वॉर्डर पर पड़ता है। बेंगलूरू से 150 किलोमीटर दूर इस पिकनिक स्पॉट पर सैलानी सालभर जा सकते हैं, लेकिन बारिश के बाद तो यहां हर छोटे-बड़े चट्टानों से सैंकड़ों झरने फूट निकलते हैं। होगेनेक्कल जितना खूबसूरत है, उतना ही खूबसूरत यहां तक पहुंचने का रास्ता भी है।
बेंगलूरू से होसूर और फिर कृष्णागिरि होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-7 आपको होगेनेक्कल लेकर जाता है। सिक्स लेन हाइवे और उसकी ऊंची-नीची सड़कों से गुजरते हुए आपको पहाड़ खेत और अनगिनत नारियल के पेड़ मिलेंगे।
पेन्नाग-रम से होगेनेक्कल का रास्ता 15 किलोमीटर है। इस पहाड़ी का पूरा रास्ता आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के जंगलों से भरा हुआ है। जंगल की सीमा होगेनेक्कल लेकर जाती है। हालांकि पहली बार यहां आने वाले को एक नजर में कुछ भी खास नजर नहीं आएगा। बस पेड़ों के बीच कहीं से आती हुई झरनों की आवाज सुनाई देती है।
यहां आप एक अनोखी नाव की सवारी करेंगे। इस नाव को ‘परिसल’ कहते हैं यानी गोल आकार और फिर तारकोल का लेप लगाकर इसे वॉटर प्रूफ किया जाता है। तकरीबन 6-7 लोग इस नाव में एक साथ बैठ सकते हैं। ये नाव आपको एक रोमांचक सफर की ओर ले जाती हैं।
30 फीट नीचे चट्टानों वाली घाटी तक पहुंचने के बाद ही आपको होगेनेक्कल (Hogenakka) का विहंगम नजारा दिखायी देगा। यहां से नाव आपको एक-एक कर सभी वाटर फाल के करीब लेकर जाती है। 60 से 1000 फीट की ऊंचाई से गिरते फाल को इतने करीब से देखने का अनुभव शायद ही आपको कहीं मिलेगा। यही नहीं, बीच-बीच में पानी की धारा आपकी नाव को गोल-गोल घूमाती जाती है, जो आपको एक छोटे से टापू की ओर ले जाती है, जहां लोग स्विमिंग, वॉलीबाल, बैडमिंटन वगैरह खेल सकते हैं। और तो और, मछली के शौकीनों के लिए तो यहां फ्रेश फिश फ्राई भी मौजूद है।
ये पूरा सफर तकरीबन घंटे भर का होता है। वैसे तो होगेनेक्कल (Hogenakka)काफी खूबसूरत जगह है, लेकिन यहां ठहरने और खाने-पीने की उचित व्यवस्था नहीं है। इसलिए यहां दोपहर तक आयेयं, घूमें फिरें और शाम ढलने के साथ ही वापस अपने घर को चले जाएं।